देश भर में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस, लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने रखा 2047 का विजन
पीएम मोदी ने कहा, कि जनता को ‘निराशा में डूबे तत्वों से संकट के प्रति सावधान किया मोदी ने, कहा सुधार जारी रहेंगे
नई दिल्ली। देश भर में स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया। प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने 78वें स्वाधीनता दिवस पर देशवासियों को ‘निराशा के गर्त में डूबे तत्वों की विकृत सोच के प्रति सावधान करते हुये गुरुवार को कहा कि ऐसे तत्व देश और समाज के लिये अराजकता और विनाश का संकट पैदा कर देते हैं।
प्रधानमंत्री ने साथ में राष्ट्र हित में देश में सुधारों को बढ़ाने का संकल्प भी दोहराया। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार विपरीत दिशा में चल रहे तत्वों की सोच में बदलाव लाने का प्रयास भी करेगी। मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, हम संकल्प के साथ बढ़ तो रहे हैं, बहुत आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन यह भी सच है कि कुछ लोग होते हैं, जो प्रगति देख नहीं सकते हैं, कुछ लोग होते हैं जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं, जब तक खुद का भला न हो, तब तक उनको किसी का भला अच्छा नहीं लगता है। ऐसे विकृत मानसिकता से भरे हुये लोगों की कमी नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग की संख्या मुठ्ठी भर ही है पर, देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की गोद में पलती विकृति विनाश का कारण बन जाती है, अराजकता का मार्ग ले लेती है और तब देश को इतनी बड़ी हानि हो जाती है, जिसकी भरपाई करने में हमें नये सिरे से मेहनत करनी पड़ती है। प्रधानमंत्री ने देश और समाज को विकास की राह पर आगे बढ़ाने के अपनी सरकार के मुख्य मुख्य प्रयासों और उपलब्लियों को गिनाते हुये कहा कि उनकी सरकार देश के लिये नेक नीयत से काम कर रही है और विपरीत मार्ग पर जाने वालों के दिल जीतने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि इसलिये ऐसे जो छुट-पुट निराशावादी तत्व होते हैं, वे सिर्फ निराश हैं, इतना ही नहीं है, उनकी गोद में विकृति पल रही है। यह विकृति विनाश के सर्वनाश के सपने देख रही है, ताने-बाने जोडऩे के प्रयास में लगी है। देश को इसे समझना होगा।
मोदी ने कहा, लेकिन मैं देशवासियों को कहना चाहता हूं कि हम हमारी नेक नियत से, हमारी ईमानादारी से, राष्?ट्र के प्रति समर्पण से, हम सारी परिस्थितियों के बावजूद भी विपरीत मार्ग पर जाने वालों के लिए भी उनके भी दिल जीत करके, हम देश को आगे बढ़ाने के संकल्प में कभी भी पीछे नहीं हटेंगे, यह मैं विश्वास देना चाहता हूं। प्रधानमंत्री ने इससे पहले कहा कि उनकी सरकार बड़े सुधारों के लिये बहुत ही प्रतिबद्ध है। देश में नयी व्यवस्थायें बन रही हैं। नीतिगत स्थिरता है, व्यवस्था पर लोगों का भरोसा बढ़ता जा रहा है आज जो 20-25 साल का नौजवान है वे 12-15 साल की उम्र का नौजवान था, उसने अपनी आंखों के सामने यह बदलाव देखा है। और उसके सपनों को आकार मिला है, धार मिली है और उसके आत्मविश्वास में एक नयी चेतना जगी है और वही देश के एक नये सामथ्र्य के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘हमारी सुधारों की प्रक्रिया किसी मजबूरी में नहीं है, देश को मजबूती देने के इरादे से है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वो राजनीति का भाग और गुणा करके नहीं सोचते हैं, हमारा एक ही संकल्प होता हैं- पहले आता है देश, राष्ट्रहित सुप्रीम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि आजादी की 100वीं वर्षगांठ तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने के बारे में उन्हें समाज के हर वर्ग के लोगों से बड़ी संख्या में ‘अनमोल सुझाव मिले हैं और इस लक्ष्य- साधना के लिए कठोर परिश्रम चल रहा है।
मोदी ने 78वें स्वाधीनता दिवस पर लाल किले से अपने संबोधन में इन सुझावों को सरकार के काम करने पर आम लोगों के भरोसे का परिचायक बताते हुए कहा कि सुझाव भेजने वालों ने न्याय व्यवस्था से लेकर नगर प्रशासन और शिक्षा से लेकर कर शिक्षा तक में सुधार के सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से किसी ने भारत को कौशल की राजधानी बनाने की बात की है तो कोई देश को विनिर्माण का केंद्र बनाना चाहता है, किसी ने दिश में विश्वविद्यालयों को वैश्विक बनाने का सुझाव दिया है तो किसी का सुझाव भारतीय मीडिया को ग्लोबल बनाने का है।
प्रधानमंत्री ने कहा , विकसित भारत 2047, ये सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं, इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है। देश के कोटि-कोटि जनों के सुझाव लिए जा रहे हैं और हमने देशवासियों से सुझाव मांगे। और मुझे प्रसन्नता है कि मेरे देश के करोड़ों नागरिकों ने विकसित भारत 2047 के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं। उन्होंने इन सुझावों को ‘अनमोल बताते हुए कहा हर देशवासी का सपना उसमें प्रतिबिंबित हो रहा है। उन्होंने कहा, इन सुझावों में हर देशवासी का संकल्प झलकता है। युवा हो, बुजुर्ग हो, गांव के लोग हों, किसान हों, दलित हों, आदिवासी हों, पहाड़ों में रहे वाले लोग हों, जंगल में रहने वाले लोग हों, शहरों में रहने वाले लोग हों, हर किसी ने 2047 में जब देश आजादी का 100 साल मनाएगा, तब तक विकसित भारत के लिए अनमोल सुझाव दिए हैं।
मोदी ने कहा, लोगों ने दुनिया का स्किल कैपिटल बनाने का सुझाव हमारे सामने रखा। कुछ ने 2047 तक विकसित भारत के लिए भारत को मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने का सुझाव दिया। कुछ लोगों ने भारत की हमारी यूनिवर्सिटीज ग्लोबल बने, इसके लिए सुझाव दिया। कुछ लोगों ने कहा कि क्या आजादी के इतने सालों के बाद हमारा मीडिया ग्लोबल नहीं होना चाहिए। मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने ये भी कहा है कि हमारा कौशलवान युवा विश्?व की पहली पसंद बनना चाहिए तो किसी ने भारत को जल्द से जल्द जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का सुझाव दिया है। कोई यह चाहता है कि हमारे किसान जो मोटा अनाज पैदा करते हैं, जिसको हम श्रीअन्न कहते हैं, वह सुपर फूड दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर पहुंचे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भारत के छोटे किसानों को मजबूत बनाने, स्थानीय स्वराज की संस्थाओं के कामकाज में सुधार, न्याय व्यवस्था में रिफॉम्र्स , नए शहर बसाने, प्राकृतिक आपदाओं के बीच शासन-प्रशासन की क्षमता बढ़ाने का अभियान चलाने और पारंपरिक औषधियों के विकास के संबंध में सुझाव दिए है।प्रधानमंत्री ने कहा , मैं समझता हूं कि जब देशवासियों की इतनी विशाल सोच हो, देशवासियों के इतने बड़े सपने हो, देशवासियों की इन बातों में जब संकल्प झलकते हों, तब हमारे भीतर एक नया संकल्प दृढ़ बन जाता है। हमारे मन में आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।
मोदी ने इन सुझावों को अपनी सरकार के प्रति जनता के बढ़ते हुए भरोसे का प्रतीक बताते हुए कहा,’ये भरोसा अनुभव से निकला हुआ है। यह विश्वास लंबे कालखंड के परिश्रम की पैदावार है कि लाल किले से की गयी घोषणाओं पर अमल हो जाता है।