गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा 4.0 का शुभारम्भ, ग्रामीण क्षेत्रों में लगेंगे स्वास्थ्य मेले
आरएसएस) की अनुषांगिक शाखा नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन अवध प्रान्त एवं गुरु गोरक्षनाथ सेवा न्यास की पहल
भारत-नेपाल सीमा के जिलों में थारू जनजातियों की चिकित्सा के लिए केजीएमयू से लगभग सात सौ डॉक्टरों की टीम रवाना
लखनऊ। चिकित्सा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अनुषांगिक शाखा नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन अवध प्रान्त एवं गुरु गोरक्षनाथ सेवा न्यास की ओर से भारत-नेपाल सीमा के जिलों में थारू जनजातियों की चिकित्सा के लिए केजीएमयू से लगभग सात सौ डॉक्टरों की टीम रवाना की गई। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ स्थित अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर से इस यात्रा का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, जनजातीय मंत्री असीम अरुण, प्रांत प्रचारक कौशल जी, स्वयंसेवी प्रशांत भाटिया सहित केजीएमयू के कुलपति सोनिया नित्यानंद ने झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करने व प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने की दिशा में नित नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए पूरी प्रतिबद्धता से कार्यरत है। आज इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु लखनऊ में आयोजित गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा 4.0 का शुभारम्भ किया जा रहा है।
यात्रा के सह संयोजक डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन की ओर से भारत-नेपाल सीमा पर बसे उत्तर प्रदेश के जनपदों के आदिवासी व जनजातीय समूहों के साथ ही दूरस्थ ग्रामीणों के लिए विगत चार वर्षों से लगातार विशाल स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस बार यूपी के बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जनपदों में स्वास्थ्य सेवा मेला का आयोजन किया जायेगा। डॉ. भूपेन्द्र के अनुसार 9 एवं 10 फरवरी को सम्बंधित जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों खासकर थारू बाहुल्य क्षेत्रों में छोटे-छोटे स्वास्थ्य मेले लगाए जाएंगे और 11 फरवरी को सभी जनपद मुख्यालय पर मेगा स्वास्थ्य मेला लगेगा।
बता दें कि भारत-नेपाल सीमा पर स्थित थारू जनजाति बाहुल्य गांव के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिये इस विशाल स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जाता है। सेवा यात्रा का लक्ष्य सिर्फ मरीजों का इलाज करना ही नहीं होता बल्कि स्वस्थ्य जीवन के साथ ही थारू जनजाति व वंचित समाज सहित ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोड़ना भी होता है। इन स्वास्थ्य मेलों में जनजातीय समाज के लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिये कुछ आवश्यक सुझाव भी दिये जाते हैं।
इस शुभारंभ के समय बताया गया कि डॉक्टर्स की यह टीम थारू जनजातियों को चिकित्सा सुविधा देती है। इसमें कैंप लगाकर मेडिकल चेकअप, निःशुल्क दवाओं का वितरण तथा गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। डालीगंज स्थित केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में इस यात्रा का शुभारम्भ करते हुए 14 बसों से 700 डॉक्टरों की टीम को रवाना किया गया। एनएमओ के संरक्षक डॉ भट्ट ने बताया कि यह सेवा यात्रा पिछले तीन वर्षों से लगातार प्रतिवर्ष भेजी जाती है। इसमें सेवाभाव से नेपाल-भारत सीमा के लगभग आधा दर्जन जिलों में जनजातियों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा दी जाती है। विगत वर्ष में भी 52 मेडिकल कॉलेजों से 650 डॉक्टर्स द्वारा 280 कैम्प लगाकर 85 हजार मरीजों का उपचार किया गया था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लक्ष्य को बढ़ाते हुए आगामी 8, 9, 10 एवं 11 फरवरी 2024 को लगभग सवा लाख मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। प्रान्त प्रचारक अवध कौशल जी ने सभी डॉक्टरों एवं चिकित्सा सहयोगियों को इस पवित्र कार्य के लिये धन्यवाद दिया। प्रोफेसर डॉ भट्ट ने बताया कि सेवा शिविरों का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 9 फरवरी को वर्चुअल माध्यम से किया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक अनुराग सिंह, शलभ मणि त्रिपाठी, आरएसएस के विभाग प्रचारक अनिल जी, नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन के संरक्षक प्रोफेसर एमएलबी भट्ट, अध्यक्ष डॉक्टर विजय कुमार, सचिव डॉ प्रभात पांडेय, प्रांत अध्यक्ष नरसिंह वर्मा, प्रांत सचिव अल्का रानी, यात्रा संयोजक डॉ सुमित रूंगटा सहित सैकड़ों डॉक्टर्स भी मौजूद रहे।