चीन की शीर्ष कंपनियों ने अपने डिजिटल मैप से इजराइल का नाम हटाया,अलीबाबा और बाइडू हैं प्रमुख कंपनियां

नई दिल्ली: चीन की शीर्ष तकनीकी कंपनियों ने अपने डिजिटल मैप से इजराइल का नाम हटा दिया है. इन चीनी कंपनियों में अलीबाबा और बाइडू जैसे बड़ी कंपनियां हैं. इन कंपनियों ने ऑनलाइन उपलब्ध अपने डिजिटल मानचित्रों से इजराइल का आधिकारिक नाम हटा दिया है.

बाइडु के नक्शे में इजराइल और फिलिस्तीन की सीमाओं को दिखाया गया है लेकिन नक्शे से दोनों का नाम गायब है. यह कदम तब उठाया गया है जब यहूदी देश और इस्लामी आतंकवादी संगठन हमास के बीच युद्ध के बाद चीनी इंटरनेट यहूदी विरोधी भावना से भर गया है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सोमवार को पहली बार रिपोर्ट दी कि बाइडू और अलीबाबा अब इजराइल को नाम से नहीं संदर्भित करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें फिलिस्तीनी क्षेत्रों और प्रमुख शहरों का सीमांकन करते हैं, लेकिन नाम से देश की स्पष्ट रूप से पहचान नहीं करते हैं.

रिपोर्ट्स के अनुसार, चीनी भाषा वाले इन नक्शों में लक्जमबर्ग जैसे छोटे देश का नाम है लेकिन इजराइल जैसे अहम देश का नाम ना होना, कई सवाल खड़े कर रहा है. चीनी कंपनियों ने अब तक इस कदम के पीछे कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है.

हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चीन के नक्शों से इजराइल का नाम पहले से ही गायब था या फिर यह इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद हटाया गया है. आपको जानकारी देते हुए बता दें कि चीनी सरकार अक्सर देश के नक्शों से छेड़छाड़ को लेकर विवादों में रहती है. खुद चीनी सरकार भी नक्शे को लेकर काफी गंभीर नजर आती है लेकिन इस बार चीन के नक्शे में एक पूरे देश को ही गायब कर दिया गया है मगर अभी तक चीन की सरकार ने इस पर कोई सफाई नहीं दी है.

हालिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में इंटरनेट पर यहूदी विरोधी भावना की बाढ़ आ गई है. चीनी मीडिया भी “गाजा पर इतिहास के गलत पक्ष” पर खड़े होने के लिए अमेरिका को फटकार लगा रहा है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद फिलिस्तीन के पीछे अपना वजन डाला है.

गौरतलब है कि इजराइल-हमास युद्ध में चीनी सरकार ने जो बयान जारी किया था, उसमें हमास के हमले की निंदा नहीं की गई थी और फलस्तीन का समर्थन किया गया था। इसे लेकर चीन को आलोचना भी झेलनी पड़ी थी.

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