कानपुर में दो सीएमओ आमने-सामने: हाईकोर्ट के स्टे के बाद पुराने सीएमओ ने संभाली कुर्सी, पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी, डीएम खामोश

कानपुर, एनआईए संवाददाता।
कानपुर में स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष पद पर मंगलवार को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। निलंबन से कोर्ट से स्टे पाए पूर्व सीएमओ डॉ. हरी दत्त नेमी अपने कार्यालय पहुंचे और सीधे अपनी पुरानी कुर्सी पर बैठ गए। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ भी कार्यालय पहुंच गए और कुर्सी छोड़ने की बात कही। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को बीच में आना पड़ा।

कोर्ट से स्टे के बाद पूर्व सीएमओ की वापसी

पिछले महीने डीएम जितेंद्र प्रसाद सिंह से विवाद के बाद निलंबित किए गए डॉ. नेमी ने हाईकोर्ट का रुख किया था। मंगलवार को कोर्ट ने उनके निलंबन पर रोक लगाते हुए सरकार के आदेश पर स्टे दे दिया। आदेश मिलने के 24 घंटे के भीतर ही नेमी कानपुर लौट आए और सीएमओ ऑफिस पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया।

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सीएमओ ऑफिस बना रणभूमि

डॉ. नेमी ने ऑफिस पहुंचते ही न केवल अपनी पुरानी कुर्सी पर कब्जा जमाया, बल्कि कर्मचारियों की उपस्थिति जांचने के लिए रजिस्टर भी तलब कर लिया। खबर मिलते ही वर्तमान सीएमओ डॉ. उदयनाथ भी ऑफिस पहुंचे और विरोध दर्ज कराया। दोनों अधिकारियों के बीच तनातनी इतनी बढ़ी कि एक-दूसरे की नेमप्लेट तक उखाड़ दी गई।

प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा

हालात बिगड़ते देख एसडीएम ऋतु, एसीपी आशुतोष सिंह और भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा। अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की लेकिन कोई हल नहीं निकला। मामला अब शासन तक पहुंच गया है और वहां से आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी।

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नए सीएमओ ने जताई आपत्ति

सीएमओ डॉ. उदयनाथ ने कहा, मेरे पास अब तक कोई नया आदेश नहीं आया है। जब तक शासन से कोई निर्देश नहीं मिलता, मैं ही अधिकृत सीएमओ हूं। पूर्व सीएमओ को कोर्ट से स्टे मिलने के बाद पहले प्रमुख सचिव से अनुमति लेनी चाहिए थी।

क्या है विवाद की जड़?

यह विवाद 5 फरवरी को शुरू हुआ जब डीएम ने सीएमओ कार्यालय पर छापा मारा और 34 अधिकारी-कर्मचारी गैरहाजिर मिले। इसके बाद दोनों अधिकारियों के बीच तनातनी शुरू हुई। मामला इतना बढ़ा कि भाजपा विधायक तक दो धड़ों में बंट गए। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने भी सीएमओ का समर्थन किया, लेकिन अंततः 19 जून को डॉ. नेमी को निलंबित कर दिया गया।

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