बिजनेस डेस्क, NIA संवाददाता।
भारतीय निवेशकों के लिए साल 2025 बेहद फायदेमंद साबित हुआ। सोने और चांदी दोनों ने जबरदस्त रिटर्न दिया और ऑल टाइम हाई स्तर पर पहुंच गए। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी 2026 में भी जारी रह सकती है, जिससे निवेशकों को एक बार फिर मजबूत मुनाफा मिल सकता है।
2025 में चांदी ने दिया सबसे ज्यादा रिटर्न
साल 2025 में सबसे शानदार प्रदर्शन चांदी ने किया। घरेलू बाजार में चांदी की कीमत ₹2,42,000 प्रति किलो के पार पहुंच गई, जबकि 31 दिसंबर 2024 को इसका भाव ₹85,851 प्रति किलो था। इस तरह एक साल में चांदी ने करीब 167% का रिटर्न दिया।
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पिछले एक सप्ताह में ही चांदी की कीमतों में ₹28,000 प्रति किलो तक की तेजी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, जबकि आपूर्ति सीमित बनी हुई है, जिससे दामों में उछाल जारी है।
2026 में चांदी ₹3 लाख प्रति किलो तक जा सकती है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी ने नया इतिहास रच दिया है। स्पॉट सिल्वर पहली बार 75 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि वैश्विक मांग इसी तरह बनी रही, तो 2026 में चांदी 100 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा और चांदी की कीमत ₹3 लाख प्रति किलो तक जा सकती है।
सोना भी मजबूत, 2026 में ₹1.60 लाख तक पहुंचने का अनुमान
चांदी की तुलना में भले ही सोने की तेजी धीमी रही हो, लेकिन सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प बना रहा।
बीते एक साल में सोने ने करीब 78% का रिटर्न दिया। 31 दिसंबर 2024 को सोना ₹78,950 प्रति 10 ग्राम था, जो अब बढ़कर ₹1.40 लाख प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $5000 प्रति औंस का स्तर छूता है, तो भारत में इसके दाम ₹1.60 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकते हैं।
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कई दशकों में सोने का सबसे अच्छा प्रदर्शन
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, बीते एक साल में वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में 60% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जो कई दशकों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन माना जा रहा है।
इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव
कमजोर अमेरिकी डॉलर
केंद्रीय बैंकों की मजबूत खरीदारी
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, सोना अब भी सबसे स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है।
सोना या चांदी: 2026 में किसमें निवेश बेहतर?
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सोना और चांदी दोनों का उद्देश्य अलग-अलग है।
सोना: स्थिरता और पूंजी की सुरक्षा के लिए बेहतर
चांदी: ज्यादा रिटर्न की संभावना, लेकिन कीमतों में उतार-चढ़ाव अधिक
इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सोना और चांदी दोनों का संतुलित पोर्टफोलियो बनाएं। सही निवेश का फैसला आपकी जोखिम उठाने की क्षमता, निवेश अवधि और वित्तीय लक्ष्य पर निर्भर करता है।
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सोना-चांदी में तेजी की बड़ी वजहें
वैश्विक अस्थिरता, युद्ध और टैरिफ से बढ़ा तनाव
सुरक्षित निवेश के तौर पर सोना-चांदी की बढ़ती मांग
चांदी का बढ़ता औद्योगिक उपयोग, खासकर सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स में
चांदी की सीमित आपूर्ति
केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीदारी
अगर मौजूदा हालात बने रहते हैं, तो 2026 में सोना और चांदी दोनों निवेशकों के लिए बड़ा अवसर साबित हो सकते हैं
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