व्यापारी भाईयों की बढ़ी मुसीबत, सिम बेचने के लिए एक अक्टूबर से कड़े हुए नियम

नई दिल्‍ली. साइबर ठगी के बढ़ते मामलों और एक ही पहचान-पत्र पर सैकड़ों सिम कार्ड एक्टिवेट होने की खबरों का संज्ञान लेते हुए सरकार ने अब सिम की बिक्री के नियम सख्‍त कर दिए हैं. सरकार ने बल्क सिम जारी करने का प्रावधान खत्म कर दिया है. अब जो डीलर सिम कार्ड बेचते हैं, उनका वैरिफिकेशन भी टेलीकॉम कंपनियों को करना होगा. बिना केवाईसी (KYC) के टेलीकॉम कंपनियां किसी दुकानदार को अपना सिम कार्ड बेचने की अनुमति नहीं देंगी. अगर कंपनी बिना केवाईसी के सिम बेचने की इजाजत देती है तो उस पर प्रति दुकान 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि सरकार फर्जीवाड़े पर सख्‍त कार्रवाई कर रही है. सरकार ने 66,000 धोखाधड़ी वाले WhatsApp अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है. 67,000 सिम कार्ड डीलरों को ब्लैकलिस्ट किया गया है. इतना ही नहीं, अब तक 52 लाख मोबाइल सिम को बंद भी कर दिया है. अश्विनी वैष्‍णव का कहना है कि अब तक धोखेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए गए लगभग 8 लाख बैंक वॉलेट अकाउंट फ्रीज किए गए हैं.

नए नियमों को धोखाधड़ी से मोबाइल सिम कार्ड की बिक्री रोकने के उद्देश्‍य से बनाया गया है. ये नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे और टेलीकॉम ऑपरेटरों को 30 सितंबर से पहले सभी ‘प्वाइंट ऑफ सेल’ (POS) को रजिस्टर करना होगा. DoT ने टेलीकॉम ऑपरेटरों पर अपंजीकृत डीलरों के जरिए सिम कार्ड की बिक्री के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की भी घोषणा की है. SIM कार्ड बेचने वाले व्यापारियों को अब पुलिस वैरीफिकेशन के साथ ही बायोमीट्रिक वैरीफिकेशन भी करवाना होगा. साथ ही रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है. रजिस्‍ट्रेशन की जिम्मेदारी टेलीकॉम ऑपरेटर की होगी.

वर्तमान में सिम कार्ड बेचने वाले व्यापारियों के लिए सरकार ने 12 महीने का समय दिया है जिसमें वह अपना वैरीफिकेशन करवा सकते हैं और रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. सरकार इस कदम की मदद से धोखेबाज व्यापारियों को पहचानने, उन्हें ब्लैकलिस्ट कर उन्‍हें सिस्टम से बाहर करेगी.

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