4 स्टार से अधिक रेटिंग बाद भी बाजार में फ्लॉप हुईं यह कारें

मुंबई : भारतीय बाजार में एसयूवी गाड़ियां तेजी से पॉपुलर हो रही हैं. एसयूवी सेगमेंट में भी कॉम्पैक्ट एसयूवी गाड़ियों का क्रेज तेजी से बढ़ा है. कम कीमत में उपलब्ध होने के वजह से लोग अब हैचबैक की जगह कॉम्पैक्ट एसयूवी को ज्यादा अहमियत दे रहे हैं. वहीं इनमें मिलने वाला ज्यादा स्पेस, बेहतर कम्फर्ट और बड़ी गाड़ी का अहसास लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आ रहा है. इन्हीं खूबियों के वजह से #Tata_Punch, #Maruti_Suzuki_Brezza, #Hyundai_Venue and #Tata #Nexon जैसी #suv गाड़ियों की सेल्स तेजी से बढ़ी है.

हालांकि, इस सेगमेंट में पहले से मौजूद कुछ अच्छे फीचर्स वाली कारें ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई हैं. वहीं इनसे बाद में आने वाली कारें बिक्री में आगे निकल गई हैं. कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में कुछ सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों की बात करें तो इनमें #Maruti Brezza, #Tata Punch, #Hyundai Creta, #Maruti Front and #Hyundai Venue शामिल हैं. इनमें से कुछ कारों की मासिक बिक्री 15,000 यूनिट्स से भी ज्यादा हैं.

जलवा नहीं दिखा पाईं यह कारें
इंडियन मार्केट में Nissan and Renault काफी समय से कारोबार कर रही हैं. ये दोनों कंपनियां बाजार में अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी गाड़ियां बेच रही हैं. हालांकि, सेल्स पर नजर डालें तो दोनों कंपनियों के कारों की मासिक बिक्री अन्य कंपनियों की तुलना में काफी कम है. निसान भारतीय बाजार में मैग्नाइट (Magnite) की बिक्री कर रही है, जिसकी जुलाई में सेल्स मात्र 2,152 यूनिट्स हुई, जबकि रेनो की कॉम्पैक्ट एसयूवी काइगर (Kiger) की बिक्री केवल 3,607 यूनिट्स हुई.

वहीं इनकी तुलना में कुछ टॉप सेलिंग कॉम्पैक्ट एसयूवी से करें तो पिछले महीने मारुति ब्रेजा की बिक्री 14,572 यूनिट्स, पंच की 14,523 यूनिट्स, फ्रोंक्स की 12,164 यूनिट्स, वेन्यू की 10,948 यूनिट्स और नेक्सॉन की 8049 यूनिट्स यूनिट्स हुई है.

सेफ्टी के मामले में नहीं हैं किसी से कम
निसान मैग्नाइट और रेनो काइगर सेफ्टी के मामले में भी कम नहीं हैं. दोनों कारें 4-स्टार ग्लोबल एनसीएपी सेफ्टी रेटिंग के साथ आती हैं. इसके अलावा दोनों कारों में इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ईएसपी), हिल स्टार्ट असिस्ट (एचएसए), ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम (टीसीएस), टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (टीपीएमएस), एबीएस और एयर प्योरिफायर जैसे कुछ एडवांस फीचर्स भी मिलते हैं. बावजूद इसके ग्राहक दूर हैं.

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