कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी पर्सनलाइज्ड मेडिसिन कारगर

साइंस एंड टेक्नोलॉजी के साथ फार्मा और मैनेजमेंट का समन्वय आवश्यक
लखनऊ। आजाद ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन में शुक्रवार को दो दिवसीए राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में देश विदेश के चिकित्सक व दमा निर्माण कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सेमिनार में चिकित्सकों ने कहा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में भी पर्सनलाइज्ड मेडिसिन कारगर है।
सेमिनार का उद्घाटन के अवसर पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के फार्माकोलोजी विभाग के प्रो. डा. आर.के. दीक्षित ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी को फार्मा और मैनेजमेंट के साथ मिल कर काम करने पर जोर दिया।
डा.दीक्षित ने कहा कि अकेले पिलर की तरह काम करने से आपका कुछ नहीं होगा पूरा टैलेंट व्यर्थ हो जायेगा। हमें आपको मिल कर काम करना होगा कुछ हम आप से सीखेंगे और कुछ आप हमसे तभी कुछ बड़ा कर पाएंगे।
डा.भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय बिहार के बायो टेक्नोलोजी विभाग के डा. रोहित कृष्ण ने बताया कि पर्सनलाइज्ड मेडिसिन भविष्य में लोगों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।
डा. रोहित कृष्ण ने बताया कि इसमें साइड इफेक्ट का खतरा कम रहता है। पर्सनलाइज्ड मेडिसिन में मरीज की पारिवारिक पृष्ठभूमि,पर्यावरण, लिंग व उम्र के आधार पर अन्य लक्षणों को देखते हुए दवा दी जाती है। कैंसर, कार्डियोवास्कुलर और कार्डियोमेटाबोलिक डिसऑर्डर जैसी क्रॉनिक बीमारियों में पर्सनलाइज्ड मेडिसिन कारगर सबित होता है।
आजाद ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन के निदेशक डा. शफीक अहमद ने कहा कि सभी विभाग जब मिल कर काम करेंगे तभी कुछ प्रोडक्टिव होगा। उन्होंने इस मल्टी डिसिप्लिनरी इंटरनेशनल कांफ्रेस में आए सभी प्रतिनिधियों के प्रति आभार जताया।
सेमिनार के आयोजन सचिव व बायोवर्स टेक्नोलोजी लिमिटेड के डा. आकाश सिंह ने बताया कि शनिवार को मैनेजमेंट में प्रोद्योगिकी का उपयोग और आर्गेनिक उत्पादों को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है इस विषय पर चर्चा होगी।
सेमिनार में न्यूयार्क से वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.हिमांशू नारायण सिंह व नार्थ एस्टर्न यूनीवर्सिटी लंदन से आयीं डा.एक्ट्रिना कोपर शनिवार को सेमिनार को संबोधित करेंगी।

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