लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त को बुद्धिस्ट मानवीय एवार्ड से गांधी पीस फाउडेशन नेपाल की एक प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार डॉ. सूर्यकान्त को उनके द्वारा चिकित्सकीय तथा समाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु प्रदान किया गया है। नेपाल की यह संस्थान एक गैर-धार्मिक, गैर-राजनीतिक सामाजिक, गैर-सरकारी संगठन है जो शांति, समृद्धि और सतत विकास के लिए समर्पित है। इसका दृष्टिकोण ’’वसुधैव कुटुंबकम’’ अर्थात पूरी दुनिया एक परिवार है। इस संस्था का मिशन गरीब तथा आदिवासी लोगों की मदद भी करना है।
हाल ही में डॉ. सूर्यकान्त को ’’डॉक्टर ऑफ साइंस (डी.एस.सी.)’’ की (मानद उपाधि) से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने 29 जुलाई 2023 को नई शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी की गई हिंदी की 100 पुस्तकों में से 2 हिंदी पुस्तकों का भी योगदान दिया है। डॉ. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में लगभग 18 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 12 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 21 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं लंग कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 800 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जनरलस में प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही 2 अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। लगभग 200 से अधिक एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 15 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम ही जाता है, तथा इससे पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 22 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा ब्रोन्कियल अस्थमा के क्षेत्र में बेस्ट इनोवेशन (एलएस लोवेश पुरस्कार) 2006 भी शामिल है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 191 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सूर्यकान्त द्वारा रेडक्रॉस, सूर्य चेस्ट फाउंडेशन, ज्ञान गंगा फाउंडेशन वाराणसी, हेल्पेज इंडिया, रोटरी क्लब, जेबीएस फाउंडेशन, मसीहा कैंसर फाउंडेशन, हरि-ओम सेवा केंद्र, धनवंतरि सेवा न्यास इत्यादि जैसे लगभग 20 एनजीओएस सामाजिक संगठन के साथ मिलकर समाज में चिकित्सा सेवा कर रहे हैं। ज्ञात रहे डॉ0 सूर्यकान्त टी.बी., तम्बाकू एवं प्रदूषण के खिलाफ 25 वर्ष से अधिक अभिमान चला रहे हैं।
ज्ञात रहे कि डॉ. सूर्यकान्त जो जोनल टास्क फोर्स नार्थ जोन (क्षय उन्मूलन) के चेयरमैन भी हैं, विगत कई वर्षों से टी.बी. उन्मूलन में उ0प्र0 का देश में नेतृत्व कर रहे हैं। साथ ही साथ टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने हेतु निरन्तर प्रयत्नशील है, उन्होने लखनऊ के गाँव अर्जुन पुर व मलिन बस्ती ऐशबाग, लखनऊ को टी.बी. मुक्त बनाने के हेतु गोद लिया है। वे प्रिंट/इलेक्ट्रानिक तथा सोशल मीडिया के माध्यम से टी.बी. के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य भी करते रहते हैं।