दिवाली 2023 आइए जानते हैं कि 2023 में दिवाली कब है व पूजा का मुहूर्त कितने बजे का है ?

धनतेरस 10 नवंबर 2023 (शुक्रवार)

नरक चतुर्दशी 12 नवंबर 2023 (रविवार)

दिवाली 12 नवंबर 2023 (रविवार)

गोवर्धन पूजा 14 नवंबर 2023 (मंगलवार)

भाई दूज 15 नवंबर 2023 (बुधवार)

धार्मिक डेस्क : दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है. यह त्यौहार धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज पर समाप्त होता है. 5 दिवसीय इस पर्व की शुरुआत धन तेरस से होती है, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली मनाई जाती है. तीसरे दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है जबकि चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भैया दूज मनाई जाती है. इन त्यौहारों के समय स्थान परिवर्तन के साथ बदलते रहते हैं.

दिवाली का त्यौहार मुख्यत: देवी लक्ष्मी और महाकाली को समर्पित है। हालांकि धन तेरस, नरक चतुर्दशी, गोवर्धन पूजा और भैया दूज पर देव धन्वंतरि, यमराज और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का भी विधान है. 5 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का विशेष महत्व है. इस दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश, देवी सरस्वती और महाकाली की भी पूजा होती है.

दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का सर्वोत्तम समय सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होता है. क्योंकि प्रदोष काल में पड़ने वाली अमावस्या पर लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है. वहीं महानिशीथ काल में मॉं महाकाली की पूजा की जाती है। हालांकि यह मुहूर्त तांत्रिक, पंडित और साधकों के लिए उपयुक्त होता है. घर के अलावा ऑफिस और कारखानों में भी दिवाली पूजा होती है। व्यापारी वर्ग उपकरण और बही खातों की पूजा करते हैं.

दिवाली को लेकर कुछ पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं. मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन ही भगवान श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे और इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीये जलाकर उत्सव मनाया था। तभी से दिवाली पर्व की शुरुआत हुई. इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध कर देवता और साधु-संतों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी. इसके बाद से ही कार्तिक चतुर्दशी और अमावस्या पर नरक चतुर्दशी व दीपावली का त्यौहार मनाया जाने लगा. भारत के कई राज्य और प्रांत में दिवाली अलग-अलग तरीके से मनाई जाती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *