45 स्कूलों में लगा दिये हैं बम… आनन-फानन में स्कूलों से निकाले गये बच्चे, मचा हड़कंप

बेंगलुरु : बेंगलुरु के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 45 स्कूलों के परिसरों में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब प्रशासनिक कर्मचारियों को मेल मिला. जिसमें कहा गया था कि उनके स्कूलों में विस्फोटक लगाए गए हैं और कभी भी विस्फोट हो सकता है. बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने कहा कि कई तोड़फोड़ रोधी टीमें स्कूल परिसर की जांच कर रही थीं और उन्हें कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली. उन्होंने कहा कि फिलहाल, यह एक फर्जी संदेश जैसा लग रहा है. हम जल्द ही तलाशी अभियान पूरा करेंगे. हालांकि, हम अभिभावकों से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं.

उन्होंने कहा कि पिछले साल भी शरारती तत्वों ने शहर के कई स्कूलों को इसी तरह के ईमेल भेजे थे. इसके कारण कई माता-पिता, शिक्षकों और अभिभावकों में गहरी चिंता फैल गई है. कुछ स्कूलों ने छात्रों को पास के खेल के मैदानों या अन्य सुरक्षित जगहों पर भेज दिया. वहीं कुछ स्कूलों ने माता-पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल से लेने के लिए कहा है. बेंगलुरु के 45 से अधिक स्कूलों को गुमनाम ईमेल के जरिये बम की धमकी मिलने के बाद से छात्रों, अभिभावकों और स्कूल अधिकारियों में दहशत फैल गई.

धमकियों की पहली लहर में बेंगलुरु शहर के बसवेश्वर नगर में नेपेल और विद्याशिल्पा सहित सात स्कूलों को निशाना बनाया गया. बम की धमकियों के खतरे में पड़े स्कूलों में से एक कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के आवास के सामने स्थित है. कुछ ही समय बाद कई और शैक्षणिक संस्थानों को ईमेल के जरिए इसी तरह की धमकियां मिलीं. बेंगलुरु पुलिस ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा के लिए स्कूलों से छात्रों और कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया. इस संकेत के बावजूद कि बम की धमकी अफवाह हो सकती है, पुलिस बम निरोधक दस्तों की मदद से परिसर की गहन तलाशी ले रही है. उन्होंने अभी तक किसी भी स्कूल में बम होने की पुष्टि नहीं की है.

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पिछले साल, बेंगलुरु के कई निजी स्कूलों को इसी तरह की ईमेल धमकियां मिलीं, लेकिन वे सभी अफवाहें निकलीं. बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने बताया कि पहली नजर में यह एक फर्जी मेल जैसा लग रहा है. 2022 में 15 स्कूलों को इसी तरह का एक फर्जी ईमेल प्राप्त हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि स्कूल परिसर में विस्फोटक लगाए गए थे. हमारी टीमें गहन तलाशी ले रही हैं, लेकिन यह शरारत का मामला लग रहा है. बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है. यह एक धोखा लगता है, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बेंगलुरु सुरक्षित रहे. इससे स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को सतर्क कर दिया था. जिसके बाद खोजी कुत्तों और बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वाड की टीमों को उन स्कूलों में भेजा गया, जहां ईमेल से धमकी मिली थी. मेल किसने भेजा है. इस मामले की जांच की जारी है.

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