उत्तर प्रदेश के शिक्षकों ने पुरानी पेंशन, तदर्थ शिक्षकों को स्थायी करने समेत 19 सूत्री मांगों को लेकर दिया धरना और किया प्रदर्शन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के नेतृत्व में मंगलवार को शिक्षकों ने लंबित मांगों के निस्तारण को लेकर पार्क रोड स्थित निदेशालय का घेराव किया। पुरानी पेंशन, तदर्थ शिक्षकों को स्थायी करने समेत 19 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन किया।

नाराज शिक्षकों ने सरकार व विभाग के अधिकारियों के विरोध में जमकर नारेबाजी की। धरने की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह व महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने चेतावनी दी जल्द मांगों का निस्तारण न होने पर शिक्षक दो दिसम्बर से जेल भरो आन्दोलन करेंगे। संगठन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ.महेंद्र देव को ज्ञापन सौंपा। शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन को जल्द बहाल कर इसे लागू करे।

तदर्थ शिक्षक नवंबर 2023 से वेतन के लिए भटक रहे हैं। पूरे प्रदेश में सेवा सुरक्षा को खंडित करने की कोशिश हो रही है। स्कूलों के प्रबंधक शिक्षकों का उत्पीडऩ कर रहे हैं। प्रदेश संरक्षक राज बहादुर सिंह चंदेल और प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि शासन में बैठे जिम्मेदार संगठन से वार्ता करें और समस्याओं का निस्तारण करें। अन्यथा शिक्षकों के पास आंदोलन का विकल्प खुला हुआ है।

प्रदेश महामंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी ने भदोही में प्रधानाचार्य की निर्मम हत्या की निंदा की। संगठन के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों का उत्पीडऩ और शोषण किया जा रहा है। अधिकारी शिक्षकों का निलंबन कर रहे हैं। इस तत्काल रोक लगनी चाहिये। एडेड स्कूलों में एनओसी विहीन तबादला नीति लायी जाए। एनओसी के नाम पर रिश्वतखोरी बंद हो। शिक्षकों को कैशलेश चिकित्सा भत्ता का लाभ दिया जाए।

धरने को लवकुश मिश्रा, मार्कण्डेय सिंह, संजय द्विवेदी, महेश चंद्र शर्मा, मेजर देवेंद्र सिंह, जगदीश चंद्र व्यास, नरसिंह बहादुर सिंह, रामानंद द्विवेदी,सोमदेव सिंह, प्रमोद सिंह, सुधीर अग्रवाल, अरुण मिश्रा, अरुण सिंह, महेश राम, राम शंकर मिश्रा, राकेश सिंह, रजनीश चौहान, सुलेखा जैन, विनोद मिश्रा,अजय प्रताप सिंह, गुलाब चंद्र मौर्या सहित हजारों शिक्षक मौजूद रहे।

शिक्षकों की यह हैं प्रमुख मांग
-एनपीएस में राज्य सरकार की राशि जमा कराकर अपडेट की किया जाये।

-वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनको समान कार्य का समान वेतन दिया जाए।

-राष्ट्रीय नीति 2020 के अनुसार छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षक तैनात हो

-शिक्षकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। नई पेंशन बंद की जाए।

-सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को सरकार स्थायी करे।

-राज्य कर्मचारियों की तरह शिक्षकों कैशलेश इलाज की सुविधा मिले

-आठवें वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की जाय।

-केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति अवकाश ग्रेच्युटी एवं आवास भत्ते का लाभ प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों को दिया जाय।

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