यूपी की राजधानी में व‍िदेशी नागर‍िकों का कब्‍जा, प्रशासन नोट‍िस’नोटिस खेलने में जुटा

लखनऊ, NIA संवाददाता।

यूपी की राजधानी लखनऊ में हमारे देशद्रोही नेताओं की शह पर यहां की बेशकीमती जमीनों पर व‍िदेशी नागर‍िकों ( बंग्‍लादेश‍ियों और रोह‍िंग्‍यों) का कब्‍जा हो चुका है, ज‍िन्‍हें ब‍िजली का कनेक्‍शन सह‍ित अन्‍य मूलभूत सुव‍िधाएं दी गई हैं और जिला प्रशासन अभी नोट‍िस नोट‍िस का खेल, खेल रहा है। राजधानी के गुडंबा थाना क्षेत्र स्थित फूलबाग बहादुरपुर में बनी अस्थायी बस्ती पर गुरुवार को मेयर सुषमा खर्कवाल के अचानक निरीक्षण के बाद हड़कंप मच गया। नगर निगम की टीम के साथ पहुंची मेयर ने करीब 80 झुग्गियों का निरीक्षण किया, जिसमें कई अनियमितताएँ सामने आने का दावा किया गया है। मेयर ने निगम अधिकारियों और बिजली विभाग को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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नगर निगम की टीम करीब सुबह के समय फूलबाग पहुंची। स्थानीय लोगों के अनुसार, मेयर के आने की जानकारी होते ही बस्ती में मौजूद कई पुरुष दूर हट गए। मौके पर ज्यादातर महिलाएँ और बच्चे मौजूद पाए गए।

मेयर ने उनसे दस्तावेज़ मांगे, लेकिन टीम के अनुसार अधिकांश निवासी कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके।

इसके बाद मेयर ने क्षेत्र में मौजूद अस्थायी बिजली कनेक्शनों की जांच कराई और सभी संदिग्ध कनेक्शन काटने के निर्देश दिए।

झुग्गियों में टीवी–फ्रिज और मीटर भी मिला

निरीक्षण के दौरान टीम ने देखा कि कई झोपड़ियों में बिजली मीटर, टीवी, फ्रिज और अन्य घरेलू सामान मौजूद थे। अधिकारियों का कहना है कि 2 किलोवॉट कनेक्शन के जरिए बिजली आपूर्ति की जा रही थी। मेयर ने मौके पर मौजूद बिजली विभाग के कर्मचारियों को पूछा कि यह कनेक्शन कैसे जारी किए गए।

नगर निगम टीम ने बस्ती के पास मौजूद ठेलियों, कबाड़ और अवैध रूप से जमा कूड़ा सामग्री को भी कब्जे में ले लिया।

स्थानीय लोगों ने कहा, रात में हालात बिगड़ जाते हैं

इलाके के कई नागरिकों ने बस्ती को लेकर अपनी चिंताएं मेयर के सामने रखीं। उनका कहना था कि अस्थायी बस्ती के कारण क्षेत्र में गंदगी बढ़ी है और रात के समय गतिविधियां बढ़ जाने से सुरक्षा को लेकर आशंका रहती है।
कई बार नगर निगम और प्रशासन को शिकायतें भी दी गई थीं।

एक स्थानीय निवासी ने बताया क‍ि कूड़ा-कचरा खुले में फैलता है, रात में कबाड़ भी जलाया जाता है। डेंगू जैसे रोग पहले हमारे इलाके में आते हैं। हम चाहते हैं कि सफाई और व्यवस्था सुधरे।

जमीन के मालिक का दावा ‘यहां असम के गरीब परिवार रहते हैं’

जमीन पूर्व पार्षद पंकज यादव की बताई जाती है। उन्होंने मेयर के आरोपों का खंडन किया। उनका कहना है कि बस्ती में असम से आए मजदूर परिवार रहते हैं, जो घरों से कूड़ा उठाकर अपनी जीविका चलाते हैं।

पंकज यादव ने कहा क‍ि ये लोग वर्षों से मेहनत करके गुजर-बसर करते हैं। इनमें कोई अवैध निवासी नहीं है। नगर निगम को पहले जांच करनी चाहिए, फिर कार्रवाई।

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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नगर निगम नियमों के तहत कचरा कलेक्शन अपने हाथ में रखना चाहता है, जबकि गरीब परिवारों का यही रोजगार है। झुग्गियों में रहने वाले इम्तियाज अली नामक व्यक्ति ने दावा किया कि कार्रवाई के दौरान टीम में मौजूद कुछ लोगों ने उनका सामान जब्त कर लिया। हम असम के रहने वाले हैं, कई दस्तावेज़ दिखाए, लेकिन सुने बिना सामान उठा ले गए। हम घरों से कूड़ा उठाकर जीते हैं, इम्तियाज ने कहा।

नगर निगम का कहना है कि शहर की सीमा में कचरा संग्रहण सिर्फ निगम अधिकृत तरीके से किया जा सकता है। निजी तौर पर कचरा इकठ्ठा करना नियमों के विरुद्ध है।

15 दिन का अल्टीमेटम, फिर होगी आगे की कार्रवाई

मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि क्षेत्र में मौजूद अस्थायी ढांचों की जांच तेज की गई है। 15 दिन में इस बस्ती को खाली कराना होगा। बिजली कनेक्शन तुरंत बंद किए जाएंगे। सफाई, सुरक्षा और व्यवस्था के मद्देनजर कदम उठाए जा रहे हैं,” उन्होंने कहा।

नगर निगम टीम ने मौके से करीब 50 ठेलियां और काफी कबाड़ जब्त किया। अधिकारियों का कहना है कि बस्ती की स्थिति और दस्तावेज़ों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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