लखनऊ, एनआईए संवाददाता।
बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले कफ सिरप और दवाओं पर अब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की सख्त नज़र रहेगी। आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी मिलावट या गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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पिछले कुछ वर्षों में देश के अलग-अलग राज्यों में बच्चों पर कफ सिरप के जानलेवा असर की घटनाएं सामने आई हैं। खासकर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इसका सेवन स्वास्थ्य विभाग की परामर्शिका के अनुसार निषेध है। डॉ. जैकब ने चेतावनी दी कि कभी-कभी कफ सिरप में डाईइथाइल ग्लाइकॉल जैसी हानिकारक मिलावट मिल जाती है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
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सिर्फ औषधि निरीक्षकों तक ही नहीं, आयुक्त ने अभिभावकों को भी चेताया है कि घर में रखी पुरानी या खुली दवाओं का कभी उपयोग न करें। केवल वैध मेडिकल स्टोर से दवा खरीदें और हमेशा बिल, बैच नंबर और एक्सपायरी तिथि जांचें।
बच्चों की सुरक्षा की कीमत पर कोई समझौता अस्वीकार्य है। नियमों और परीक्षण के बिना किसी भी कफ सिरप का सेवन जानलेवा साबित हो सकता है।
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