उत्तर प्रदेश एग्रोटेक 2024: किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु एक विशेष पहल

अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने तीन दिवसीय प्रदर्शनी की औपचारिक शुरूआत की

लखनऊ। इंडियन चैंबर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर ने उत्तर प्रदेश एग्रोटेक 2024 का उद्घाटन किया। यह राज्य के कृषि परिदृश्य में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि खाद्य परिषद, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश, भारतीय स्टेट बैंक, आईपीएल बायोलॉजिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, ट्रेक्टर एवं फार्म उपकरण लिमिटेड, इंडियन ऑयल, सिन्जेन्टा, शक्तिमान तथा नाबार्ड के सहयोग से किया गया। यह कार्यक्रम कृषि क्षेत्र के नवाचारों एवं तकनीकी पर केंद्रित रहा।

डॉ. एमजे खान ने अपने संबोधन में कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने हेतु तथा किसानों तक नवीन तकनीकी को पहुंचाने में उद्योग एवं एफपीओ की सहभागिता को महत्वपूर्ण बताया।

भारतीय गन्ना अनुसन्धान संसथान के निदेशक डॉ. असप्पा विश्वनाथन ने उत्तर प्रदेश एग्रोटेक 2024 पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि यह कृषि क्षेत्र हेतु की गई एक क्रांतिकारी पहल है। यह किसानों को तकनीकी प्रस्तुतिकरण एवं प्रदर्शनी के माध्यम से नए उत्पादों एवं टेक्नोलॉजी से परिचित करवाने का मंच प्रदान करता है।

ईसीआईएल के तकनीकी निदेशक डॉ. अनीश कुमार शर्मा ने उत्पादकता बढ़ाने के लिए भूमि की जांच तथा कृषि हेतु आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी संस्था द्वारा निर्मित एक अद्वितीय उत्पाद के विषय में अवगत करवाया जिसके उपयोग से उत्पादकता को अनुकूलित करने हेतु मिट्टी में पोषक तत्वों के स्तर का मूल्यांकन कर उसमें उपयुक्त पोषक तत्वों को बढ़ाया जा सकता है।

इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन श्री मुकेश सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार की प्रगतिशील नीतियों को दोहराते हुए निर्यात को बढ़ावा देने, किसानों एवं बाजार के बीच की दूरी को कम करने तथा किसानों के लिए फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित करने में सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि एग्रोटेक प्रदर्शनी किसानों को कृषि उद्योग में हो रहे नवाचारों के माध्यम से जुताई से लेकर फसल की कटाई तक समग्र समाधान प्रदान करने में सहायक है। उन्होंने अलग अलग प्रकार की फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए एमएसपी पर सुनिश्चित खरीद के साथ अपनी विविधीकरण योजना में दलहन, तिलहन, बाजरा तथा मक्का को शामिल करने पर जोर दिया।

चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का सिर्फ 12% हिस्सा ही कृषि उपयोग्य है जबकि देश के उत्पादन में इसका योगदान 20% है। उन्होंने प्रदेश में कृषि समृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना भी की।

इंडियन चैंबर ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर के निदेशक तुषार शर्मा ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रायोजकों एवं आगंतुकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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