सामाजिक वैमनस्यता से चिंतित दिखाई दिये उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति

बोले : बाहर से ज्यादा तो जेल के भीतर है भाईचारा और सौहार्द

कभी चुनाव नहीं लड़े पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक उत्तर प्रदेश सरकार में कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति से बीते दिवस उनके लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर न्यू इंडिया एनालसिसि (एनआईए) के संपादक अनुपम सिंह की व्यापाक बातचीत हुई। इस दौरान भाजपा की नीतियों, महिला उत्थान, रोजगार, तकनीकी शिक्षा, सनातन संस्कृति, धर्म आध्यात्म आदि से जुड़े मुद्दों पर तीखे प्रश्न उनसे पूछे गये, जिसका उन्होंने बगैर किसी लाग-लपेट के वेबाकी से उत्तर दिया।

प्रश्न : आप प्रदेश सरकार में मंत्री हैं, आपके पास कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) का दायित्व है। यह विभाग मिलने के बाद आप ने ऐसा कौना सा अनोखा कार्य कर दिया, जिससे लोगों का भाजपा से जुड़ाव हो और लोग कहें, भाजपा गरीबों का भला करने वाली पार्टी है?

उत्तर : प्रश्न तो आपका बड़ा तीखा है, मगर जवाब देना मेरा फर्ज है। जब मैने यह विभाग संभाला तो मुझे बताया गया। जब ट्रेनों में चेकिंग होती है तो बहुत सारे गरीब लोग डब्लू टी (बिना टिकट के) पकड़े जाते हैं, जिन्हें जेल में डाल दिया जाता है। यहां पर सोचने वाली बात यह है, कि अगर उनके पास पैसे होते तो वह टिकट ही ले लेते है, डब्लू टी क्यों पकड़े जाते? और पैसे के अभाव में जेलों में सड़ते रहते हैं। इस संदर्भ में अधिकारियों से बात की तो बताया गया जेलों में बंद डब्लू टी कैदियों को छोड़ने में लाखों रूपये का इंतजाम करना पड़ेगा। जेल विभाग के पास इस तरह का कोई बजट नहीं होता है। बहरहाल जैसे-तैसे समाजिक संगठनों ने चंदा इकट्ठा कर नौ लाख रूपये का इंतजाम किया और उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद डब्लू टी कैदियों को रिहा कर दिया गया। आज अपने घर पहुंचकर डब्लू टी कैदी गांवों में लोगों को यही बता रहे हैं, भाजपा गरीबों की मदद करने वाली पार्टी है।

प्रश्न : महिलाओं को उनका अधिकार देने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में महिला आरक्षण विधेयक 2023 (128वां संवैधानिक संशोधन विधेयक) लाया गया, जिसे लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने पारित कर दिया। महिलाओं के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतना कुछ रहे हैं, मंत्री बनने के बाद आप ने महिलाओं के लिए अपने विभाग में क्या किया है? जिससे आधी आबादी का भाजपा के प्रति विश्वास बढ़े?

उत्तर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम सबके लिये सर्वमान्य हैं। मेरी उनसे कोई तुलना ही नहीं की जा सकती है। प्रदेश सरकार की ओर से जो विभाग हमें मिला है। उस विभाग में महिलाओं के उत्थान की दिशा में लगातार सुधारात्मक प्रयास जारी है। आपको बता दें, बहुतायत दंपत्ति उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं और सजा काट रहे हैं। जेल के भीतर पुरूष और महिला बैरक काफी दूरी पर होती है। इस वजह से सजा काट रहे दंपत्ति एक दूसरे का चेहरा वर्षों तक नहीं देख पाते हैं। लिहाजा जेल के भीतर मैने एक नई परंपरा करवा चौथ की शुरूआत करवाई। इसके लिए पूजा में जो भी सामग्री लगती है। उसे महिला कैदियों को जेल प्रशासन की तरफ से ही उपलब्ध करवाया जाता है। परिणाम यह है कि अब उत्तर प्रदेश की जेलों में करवा चौथ मनाया जाता है और सुहागिनें व्रत रहती हैं। पति की लंबी उम्र की दुआ करती हैं और पति का चेहरा देख करके ही अपना व्रत तोड़ती हैं।

प्रश्न : अक्सर देखने में आता महिला कैदियों के साथ में छोटे-छोटे बच्चे भी बंद होते हैं, जिनकी पढ़ने लिखने की उम्र होती है। मगर उनकी एक तरह से सजा काटना नियति बन जाती है तो उन बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के बारे में आपके पास क्या कोई तरकीब है?

उत्तर : आपका यह सवाल काफी अच्छा है? महिला कैदियों के साथ रह रहे बच्चे अनपढ़ न रह जायें। इसके लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिला था तो उन्होंने मुझ से कहा आप क्या चाहते हैं? मैने बताया बच्चों की पढ़ाई लिखाई। इस पर प्रदेश की जेलों के भीतर बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के लिए एक-एक स्कूल भी खोला गया। जहां पर अध्यापक पढ़ाते हैं। आपको जानकार ताज्जुब होगा जेल में सजा काट रहे एक युवक ने आईआईटी और एक ने पीसीएस क्वालीफाई किया है।

प्रश्न : मंत्री जी, अक्सर यह देखने में आता है, जब कैदी जेलों में लंबी सजा काट कर बाहर निकलते हैं तो उन्हें सामाजिक तिरस्कार का जहां सामना करना पड़ता हैं, वहीं उन्हें समझ में नहीं आता कहां जाएं? क्या करें? और बेरोजगार होने की वजह से उनका झुकाव न चाहते हुए भी अपराध की ओर होने लगता है? कैदी पुन: अपराध की ओर न मुड़ें इसके लिये आप क्या कर रहे हैं?

उत्तर : हां, यह बात सही है। जेलों में सजा काटने के बाद कैदी जब बाहर निकलता है उसके सामने विषम परिस्थितियां होती हैं। उन परिस्थितियों से निपटने और दुबारा अपराध की ओर न मुड़े। इसके लिए तकनीकी शिक्षा भी दी जा रही है। आपको बता दें कारागार में जन्म लेने वाले भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक को इस बार जेल के कैदियों ने ही बनाया था, जिसे सिर पर रखकर मैने स्वयं वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में अर्पित की। इसके अलावा आगरा की जेल में साबुन, फिनायल, जूता एवं चप्पल , दरी बुनाई, आदर्श कारागार लखनऊ में पावरलूम उद्योग, चादर, हस्त निर्मित कागज, प्रिटिंग प्रेस, सिलाई उद्योग, फतेहगढ़ में तम्बू उद्योग,रंगाई छपाई, निवाड़, लौह काष्ठ, दरी, पावरलूम आदि की तकनीकी शिक्षा कैदियों को दी जाती है। उत्तर प्रदेश की जेलों को कौशल विकास से भी जोड़ा जा रहा है, क्योंकि की जेलों में 80 प्रतिशत कैदी 40 वर्ष से कम आयु वर्ग हैं।

प्रश्न : मंत्री जी आपके बारे में चर्चा है, आप आध्यात्म में विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं। इसमे कितनी सच्चाई है? अगर हां, तो क्या इसका असर आपके विभाग के कामकाज पर भी पड़ता है?

उत्तर : मैं वास्तव में आध्यात्म में विश्वास करने वाला व्यक्ति हूं, मैं कभी राजनीत में नहीं रहा। बहुत सामान्य परिवार से हूं। हां, सामाज सेवा और सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेता था। एक श्लोक सुनाते हुए सारी चीजें पहले से तय होती है। भ्रूण जब मां के पेट में आकार धारण कर रहा होता है तो उसी समय विधाता उसके भविष्य के बारे में लिख देते हैं। हां जन्म लेने के बाद मानसिक विकास होने पर आप जैसा समाज में कर्म करते हैं वैसा आपका फल मिलता है।

प्रश्न : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कहते हैं, सनातन संस्कृति एक धर्म हैं और इसमे ही सामाजिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त होता है। इससे आप कितना सहमत हैं?
उत्तर : मैं माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की बात से सौ प्रतिशत सहमत हूं। इसलिये आपको बता दें, जब मुझे कारागार विभाग का दायित्व दिया गया तब मैने नवरात्रि में अपने दफ्तर में कामकाज शुरू किया। इसके बाद मैंने उत्तर प्रदेश की जेलों में महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र बजने का आदेश कर दिया। पहले तो डर भी लगा कहीं विपक्षी हो हल्ला न करें। मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और आज प्रदेश की जेलों में यह मंत्र सुबह शाम बजता है।

प्रश्न : आप आरएसएस से भी लंबे समय तक जुड़े रहे और अब राजनैतिक पार्टी भाजपा में हैं। आरएसएस को सामाजिक उत्थान के लिए जाना जाता है। जेल और बाहर की सामाजिक दुनिया में आपको किस तरह का फर्क नजर आता है?

उत्तर : आप ने बहुत भावकुता भरा प्रश्न कर दिया। जब हम जेल के अंदर विजिट करते हैं तो कई छड़ ऐसा आता है, कि कैदियों से बात करने के दौरान मैं खुद भावुक हो जाता हूं, क्योंकि जब वह अपनी आप बीती सुनाते हैं तो पता चलता है उन्हें किसी ने दहेज उत्पीड़न में फंसा दिया है तो किसी ने जमीनी विवाद में उनका बेवजह नाम डाल दिया है। आप से बताये बाहर से अधिक भाईचारा जेल भीतर मुझे देखने को मिला। बाहर जहां लोग एक दूसरे को फंसाने और वैमनस्य फैलाने का काम करते नजर आते हैं, वहीं जेल के भीतर कैदी हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख सभी भाई-भाई तरह रहते हैं और जबरदस्त भाईचारा उनमे देखने को मिलता है। एक दूसरे का सहयोग करने के लिए तत्पर रहते हैं।

प्रश्न : अंत में मंत्री जी एक और सवाल? जेलों को हाईटेक बनाने की दिशा में आपका विभाग क्या कर रहा है?
उत्तर : जेलों की कड़ी सुरक्षा के लिए हाई सिक्योरिटी बैरकों को सीसीटीवी कैमरे और वीडियो कालिंग से जोड़ा जा रहा है, जिसके माध्यम से 24 घंटे निगरानी की जा रही है। इसके अलावा कैदियों की ऑनलाइन पेशी के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा की जा रही है। इससे कैदियों को लाने और ले जाने में जो धनराशि व्यय होती है। वह खर्च नहीं होगी और सुरक्षा भी रहेगी।

आईये जानते हैं, कौन हैं ? कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति

लखनऊ। योगी सरकार में कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति आगरा के खंदौली के हाजीपुर खेड़ा के रहने वाले हैं। वह हाथरस जिले के बहरदोई के मूल निवासी हैं। 12 जुलाई 1963 को उनका जन्म हुआ। पेशे से वह आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं। उनके पिता गांव में जनरल स्‍टोर चलाते थे। मां गृहणीं थीं। आरएसएस से जुड़कर सामाजिक जीवन की शुरुआत करने वाले धर्मवीर प्रजापति बाद में बीजेपी से जुड़ गए। वर्ष 2002 में उन्‍हें पहली बार पिछड़ा वर्ग प्रकोष्‍ठ में प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई। वह दो बार प्रदेश संगठन में मंत्री रहे। अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में उन्‍होंने आगरा,एटा,कन्नौज सहित दूसरे जिलों से डिजाइनर दीयों की व्यवस्था कराई थी। इसके बाद वह लगातार चर्चा में रहे। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें जनवरी 2021 में विधान परिषद सदस्य बनाया था। इससे पहले वह माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष थे। धर्मवीर प्रजापति बेहद सामान्‍य परिवार से आते हैं।

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एनआईए संपादक : अनुपम सिंह को कलेंडर भेंट करते कारागार मंत्री।

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