यूपी : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे को लेकर साधा निशाना, कहा- एमएलसी पद से देना चाहिये था इस्तीफा
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के इस्तीफे को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने तंज कसा है। राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को इस्तीफा देना ही था तो एमएलसी पद से देते लेकिन उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ा। यह सब उनका और सपा का ड्रामा है। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि यदि स्वामी प्रसाद मौर्य ड्रामा नहीं कर रहे हैं तो उन्हें तत्काल एमएलसी का पद छोड़ देना चाहिए। इससे इस्तीफा दे देना चाहिए।
सुभासपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए इस्तीफे का ड्रामा किया जा रहा है। बता दें कि मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। बताया जा रहा है कि वह राज्यसभा चुनाव में पीडीए की अनदेखी से नाराज हैं। ओमप्रकाश राजभर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आखिर स्वामी प्रसाद मौर्य, समाजवादी पार्टी के बल पर ही तो एमएलसी बने हैं तो फिर उन्होंने यह पद क्यों नहीं छोड़ा। संगठन के पद से इस्तीफा दे दिया। संगठन में तो कभी भी वापसी हो सकती है। यह सिर्फ एक नौटंकी है। ड्रामा है।
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य ने एमएलसी पद से इस्तीफा दिया होता तो यह स्वीकार हो जाता। उन्होंने आरोप लगाया कि स्वामी प्रसाद अभी तक अखिलेश यादव के इशारे पर बोल रहे थे। इसका प्रमाण यह है कि उनके किसी बयान पर अखिलेश यादव ने आज तक एक्शन नहीं लिया। समाजवादी पार्टी दफ्तर में शिव पूजन करने के दौरान ड्रामे के तहत उनका इस्तीफा दिलवाया गया है।
स्वामी बोले-छुटभैया नेता लगातार दे रहे थे उल्टे-सीधे बयान
राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कुछ छुटभैया नेता आए दिन मेरी बात परअनाप शनाप बयानबाजी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष को उन्होंने मौखिक रूप से भी अवगत कराया था और इसी बात ऐतराज करते हुए इस्तीफा दिया है। क्या आप पार्टी छोड़ेंगे? इस प्रश्न पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अभी गेंद राष्ट्रीय अध्यक्ष के पाले में हैं अब आगे की जिम्मेदारी उनकी है। उन्हीं को तय करना है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके इस्तीफे का सपा दफ्तर पर हुई पूजा से कोई सम्बन्ध नहीं है।