UP : प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने नोडल अफसरों एवं सीएचओ को दिए टिप्स

लखनऊ : प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर टेलि कन्सल्टेशन की सुविधा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि वाराणसी में औसतन 9.5 टेलीकंसल्टेशन प्रति दिन हो रहे हैं जबकि कई आयुष्मान आरोग्य मंदिर में एक- दो हो रहे हैं। नोडल अफसर हर आयुष्मान आरोग्य मंदिर चेक करें कि कहां टेलि कन्सल्टेशन हो रहा है और कहां नहीं। इससे स्थानीय लोगों को बहुत राहत मिलेगी।

प्रमुख सचिव बुधवार को होटल सेंट्रम में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला में प्रदेश भर से अपर निदेशक, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ), कम्युनिटी हेल्थ अफसर (सीएचओ) और एएनएम आए थे। उन्होंने जिले के अधिकारियों को 10 बिंदुओं पर सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर को कसने को कहा। श्री शर्मा ने दिसंबर तक 50 प्रतिशत आयुष्मान आरोग्य मंदिर को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) की श्रेणी में आने के निर्देश दिए।

प्रमुख सचिव ने कहा कि हर आयुष्मान आरोग्य मंदिर के सभी कर्मचारियों की उपस्थिति चेक करें। नजर रखें कि वहां दवा की उपलब्धता है या नहीं। अगर किसी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर बहुत दिनों से ड्रग इंडेंट नहीं हो रहा है इसका मतलब है कि सेंटर सक्रिय नहीं है। इसके अलावा यह चेक करें कि वहां 14 में से कितने डायग्नोस्टिक टेस्ट हो रहे हैं। गैर संचारी रोगों की जांच की स्थिति चेक करें।

उन्होंने कहा कि एक सीएचओ 5000 लोगों के क्षेत्र में काम करता है। अगर सभी सीएचओ यह अहसास कर लें कि उनके क्षेत्र के लोग उनके अपने हैं। आशा को भेजें और सबकी सेहत पर नजर रखें तो पूरे प्रदेश की स्थिति बदल जाएगी। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 52 आयुष्मान आरोग्य मंदिर को एनक्यूएएस अवार्ड दिलवाने वाले सीएचओ और एएनएम को सम्मानित भी किया।

स्वयंसेवी संस्था जपाइगो द्वारा आयोजित इस कायर्शाला में एनएचएम की मिशन निदेशक डॉ पिंकी जोएल ने कहा कि टेलीमेडिसिन में उत्तर प्रदेश तेलंगाना के बाद दूसरे स्थान पर है लेकिन यह भी सच है कि सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर एक जैसी स्थिति नहीं है। हमें सभी सेंटर को पूरी तरह सक्रिय करना है।

बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ देवेंद्र खंडैत ने कहा कि प्रदेश में 22000 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का बनना शीर्ष नेतृत्व की दृढ़ता को दर्शाता है। अब सीएचओ को अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाकर मरीजों की पहचान करनी है। यह समुदाय में अपना विश्वास बढ़ाकर किया जा सकता है।

जपाइगो के कंट्री हेड डॉ सोमेश और स्टेट हेड संजय त्रिपाठी ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर के अब तक के सफर के बारे में प्रकाश डाला। इस मौके पर महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ शैलेश श्रीवास्तव, महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ नरेंद्र अग्रवाल, जीएम कम्युनिटी प्रोसेस ऊषा गंगवार समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

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