यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा 22 फरवरी से शुरू, पहले दिन हिंदी का पेपर
शुचितापूर्ण परीक्षा कराने को यूपी बोर्ड तैयार, क्यूआरटी से सोशल मीडिया पर भी 24×7 नजर
उत्तरपुस्तिकाओं और कक्ष निरीक्षकों के प्रवेश पत्र पर क्यूआर कोड
प्रयागराज, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, बलिया समेत 16 जिले अतिसंवदेनशील
कुल 8266 केंद्र बनाए गए, 55 लाख से अधिक परीक्षार्थी होंगे सम्मिलित
प्रयागराज/लखनऊ । नकलविहीन एवं शुचितापूर्ण परीक्षा कराने के लिए एक बार फिर सीएम योगी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) ने वर्ष 2024 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा कराने के लिए कमर कस ली है। एशिया में सबसे बड़ा परीक्षा संचालित करने वाले बोर्ड ने इस बार सोशल मीडिया खासकर वाट्सएप, एक्स, फेसबुक, टेलीग्राम के साथ-साथ ऑनलाइन वेब पोर्टल/साइट पर 24×7 निगरानी रखने के लिए बोर्ड द्वारा क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) की व्यवस्था की गयी है। सोशल मीडिया व अन्य किसी माध्यम से प्रश्नपत्र या उसके किसी भाग या उसके हल को संचारित करने का प्रयास किया जाता है तो ऐसा कृत्य उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-1998 की धारा 4/10 अन्तर्गत दण्डनीय संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध है। उत्तरपुस्तिकाओं पर पहली बार क्यूर कोड क्रमांक अंकित रहेगा। कक्ष निरीक्षकों के प्रवेश पत्र को भी क्यूआर कोड के दायरे में लाया गया है। उल्लेखनीय है कि 22 फरवरी से शुरू हो रही परीक्षा में कुल 55,25,308 परीक्षार्थी सम्मिलित होने जा रहे हैं। इसमें हाईस्कूल में 29,47,311 एवं इंटरमीडिएट में 25,77997 परीक्षार्थी हैं।
सोशल मीडिया भी नकल अधिनियम के दायरे में
नकल विहीन परीक्षा के मामले में गत वर्ष यूपी बोर्ड ने नया कीर्तिमान स्थापित किया था। परीक्षा का संचालन बेहद फूलप्रूफ व्यवस्था के तहत हुआ था। इसकी वजह से कहीं भी नकल या प्रश्नपत्र की रॉन्ग ओपनिंग नहीं हुई हो पाई थी। ऐसा तीस वर्षों के बाद हुआ था। जिसकी सराहना मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भी ने की थी। इस बार बोर्ड ने व्यवस्था को और भी बेहतर बनाया है। सोशल मीडिया को भी नकल अधिनियम के दायरे में लाया गया है। इसके तहत मोबाइल या अन्य उपकरण पर प्रश्न पत्र आऊट कराने की कोशिश को दंडनीय एवं गैर जमानती अपराध माना जाएगा। परीक्षा के लिहाजा से प्रयागराज, अलीगढ़, मथुरा, कौशाम्बी, आगरा, बलिया, मैनपुरी, बागपत, मऊ, हरदोई, आजमगढ़, चंदौली, देवरिया, गाजीपुर, गोड़ा, एटा जिलों को अतिसंवदेनशील जिला माना गया है। यहां बोर्ड के अफसरों की खास निगाह रहेगी। कंट्रोल से लगातार इन जिलों के परीक्षा पर निगहबानी की जाएगी।
पूरे प्रदेश में कुल 8266 परीक्षा केंद्र
बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने सोमवार को हाईस्कूल एवं इंटर परीक्षा की तैयारी की सिलसिलेवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा 22 फरवरी से 9 मार्च तक संचालित होगी। कुल 16 दिवसों में होने वाली परीक्षा में कुल 55 लाख से अधिक बालक बालिकाएं सम्मिलित होंगे। इसमें हाईस्कूल में 15,,71,184 बालक एवं 13,76,127 बालिकाएं हैं। इंटर में 14,28,323 बालक एवं 11,49,674 बालिकाएं हैं। पूरे प्रदेश में कुल 8266 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
24 घंटे रहेगी ऑनलाइन निगरानी
यूपी बोर्ड मुख्यालय समेत सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में एक-एक कमांड कंट्रोल रूम बनाया गया है। जहां से सभी परीक्षा केंद्रों एवं वहां के स्ट्रांग रूमों की ऑन लाइन निगरानी 24 घंटे रहेगी। बोर्ड मुख्यालय ने पहली बार पांचों क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली एवं मेरठ में कंमाड एंड कंट्रोल रूम की स्थापना की है। यहां से परीक्षा केंद्रों पर नकल की घटनाओं एवं अन्य किसी प्रकार की आवंछनीय गतिविधियों के परिलक्षित होने पर तत्काल कार्रवाई की जागी। सचल दस्तों को तत्काल सूचित किया जाएगा। वह तुरंत मौके पर पहुंच कर कार्यवाही करेंगे।
उत्तर पुस्तिकाओं की अदला बदली रोकने के लिए क्यूआर कोड
यूपी बोर्ड ने उत्तर पुस्तिकाओं की अदलाबदली रोकने के लिए एक नया कदम उठाया है। कवर पृष्ठ के साथ-साथ आन्तरिक पृष्ठ पर भी लोगो लगाया गया है। कॉपियों के प्रत्येक पृष्ठ पर पृष्ठ संख्या अंकित है। साथ ही उत्तर पुस्तिकाओं के पृष्ठों को स्टेपल पिन के स्थान पर सिलाई कराकर अलग अलग रंगों से मुद्रित किया गया है।
कक्ष निरीक्षकों को क्यूआर कोड एवं क्रमाक युक्त कंप्यूटराइज्ड परिचय पत्र
यूपी बोर्ड ने 3,11,453 कक्ष निरीक्षकों को पहली बार एक सुरक्षित क्यूआर कोड एवं क्रमांक युक्त कंप्यूटराइज्ड परिचय पत्र दिया है। बोर्ड सचिव ने बताया कि इस व्यवस्था से कक्ष निरीक्षकों की डयूटी लगाने में आसानी होगी। साथ ही परीक्षा व्यवस्था और भी सुदृढ़ व पारदर्शी होगी।