आईएफटीएम की रिसर्च मेथोडोलॉजी वर्कशॉप में छात्रों ने सीखीं शोध की बारीकियां

मुरादाबाद। आईएफटीएम विश्वविद्यालय द्वारा नॉर्दन रीजनल सेंटर इंडिया काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के सहयोग से एक सप्ताह की रिसर्च मेथोलोजी की वर्कशॉप का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। इस वर्कशॉप में छात्रों ने रिसर्च को सही तरीके से करने की विधियों के बारे में जाना। साथ ही इस वर्कशॉप में विशेषज्ञों ने ये भी जानकारी दी कि शोध के दौरान किन बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए।

इस मौके पर विश्व विद्यालय के कुलसचिव व कार्यशाला के गेस्ट ऑफ ऑनर प्रोफेसर संजीव अग्रवाल ने कहा कि शिक्षक और शोधार्थी शोध के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए कार्य करें ताकिक इन शोध अध्ययनों का इस्तेमाल समाज और उद्योगों की जरूरत के लिए ज्यादा से ज्यादा किया जा सके। इस कार्यशाला में दिल्ली स्थित गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन के प्रोफेसर डॉक्टर दुर्गेश त्रिपाठी ने नेचर एंड टाइप्स ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के बारे में जानकारी दी। इसी तरह आईएफटीएम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ फार्मेसी के निदेशक प्रोफेसर अरुण कुमार मिश्रा ने पब्लिकेशन एथिक्स इन व्यू ऑफ रिसर्च विषय पर जानकारी दी। इस कार्यशाला में हरिद्वार के हर्ष विधा मंदिर पीजी कॉलेज से आईं असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर प्रीती गुप्ता ने साइंस रिसर्च एवं विकसित भारत 2047 विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

मुंबई विश्वविद्यालय के कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज्म विभाग प्रोफेयर सुंदर राजदीप ने टूल्स एंड टेक्निक्स ऑफ डाटा कलेक्शन के बारे में जानकारी दी। केआईआईटी भुवनेश्वर के स्कूल ऑफ मास कम्यूनिकेशन के एसोसिएट प्रोफेयर डॉक्टर राजीव पांडा ने रिपोर्ट राइटिंग एंड इवेल्यूएशन विषय पर जानकारी दी। इस कार्यशाला में आईएफटीएम विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति एवं रिसर्च एंउ डेवलपमेंट प्रोफेसर नवनीत वर्मा ने लिट्रेचर रिव्यू के तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया।


इस मौके पर स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ह्यूमिनटीज के निदेशक व कार्यशाला के चेयरपर्सन प्रोफेसर मोहन लाल आर्य ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। वहीं कार्यशाला के सहसंयोजक एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजेश कुमार शुक्ला ने सभी प्रतिभागियों एवं अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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