देहरादून : सिल्क्यारा उत्तरकाशी सुरंग हादसा में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिश नाकाम होते देख इंजीनियरों को आस्था के आगे झ़ुकना पड़ा। आखिरकार इंजीनियरों ने टनल के मुहाने पर बाबा बौखनाथ मंदिर को स्थापित किया। अब उन्हें विश्वास है, सफलता मिल जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के कई टनल प्रोजेक्टों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
यहां बता दें कि उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 40 श्रमिक फंस गये। उन्हें निकालने में सफलता नहीं मिल रही है। टनल से बार-बार मलबा गिरने के कारण मलबा हटाने में भी दिक्कत आ रही है। बचाव और राहत दल जितना मलबा हटा रहा है, ऊपर से फिर से उतना ही मलबा यहां गिर रहा है। इसकी वजह से सुरंग से मजदूरों को निकलना बेहद मुश्किल हो रहा है। हालांकि दिल्ली से नई हाई पावर ड्रिलिंग मशीन सिलक्यारा पहुंचाई गई है। वही टनल के अंदर फंसे मजदूरों के साथी मजदूर और उनके परिजनों ने आज टनल के बाहर जमकर हंगामा किया। श्रमिकों ने राहत और बचाव कार्य में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है। स्थानीय लोगों का कहना था कि यहां पर बाबा बौखनाथ का एक छोटा सा मंदिर था, जिसमें स्थानीय लोग पूजा करते थे। टनल निर्माण के लिए कंपनी ने उस मंदिर को तोड़ दिया। इसकी वजह से यह प्रकोप बरसा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि टनल बनाने के लिए मंदिर को तोड़ने की वजह से ही आज यह हादसे हो रहे हैं। इस टनल निर्माण से पहले कंपनी को यहां पर मंदिर का निर्माण भी करना चाहिए था। बहरहाल टनल के मुहाने पर कंपनी के अधिकारियों ने बाबा बौखनाथ मंदिर का निर्माण करा दिया है। उम्मीद है कि अब सफलता मिल जाएगी और टनल का काम भी अतिशीघ्र पूरा हो जाएगा।