सरोजनी नगर विधायक की अफसरों ने सुना नहीं तो लिखित करनी पड़ी शिकायत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार लापरवाह और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ़ कार्रवाई कर रही है। सरकार ने बीते 5 महीनों में ही जमीन के खेल में संलिप्त एक आईएएस समेत 10 पीसीएस अधिकारियों पर कार्रवाई की है। लेकिन इन कार्रवाइयों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
इसी क्रम में सत्ताधारी बीजेपी के ही एक विधायक ने नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जे का आरोप लगा दिया है। बीजेपी विधायक ने लखनऊ कमिश्नर को पत्र लिखकर शिकायत की है। पत्र के जरिये विधायक ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। दरअसल लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से बीजेपी विधायक राजेश्वर सिंह ने लखनऊ कमिश्नर रौशन जैकब को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिये बीजेपी विधायक ने सरोजनीनगर क्षेत्र में नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से कराए जा रहे अवैध कब्जे को लेकर शिकायत की है।
विधायक राजेश्वर सिंह ने पत्र के जरिये बताया कि खरिका वार्ड प्रथम में चकरोड, नजूल, ऊसर- बंजर और श्मशान समेत राजस्व जमीन पर भूमाफिया कब्जा कर रहे हैं। विधायक का आरोप है कि ये कब्जा नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है। इस पत्र में बीजेपी विधायक ने खरिका वार्ड प्रथम के निवासी शुभम ठाकुर समेत अन्य के शिकायती पत्र का संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। वहीं लखनऊ कमिश्नर रौशन जैकब को लिखा गया ये पत्र भी अब सामने आ गया है।
पैमाइश के बाद कराई गई बैरिकेडिंग को तोड़कर कब्जा किया गया
बीजेपी विधायक राजेश्वर सिंह ने लखनऊ कमिश्नर को पत्र के जरिए बताया कि 16 चकरोड, होली के लिए सुरक्षित जमीन और चरागाह की जमीन के साथ-साथ तालाब वाली जमीन जिसपर पैमाइश के बाद बैरिकेडिंग कराई गई थी। उसे तोड़कर कब्जा किए जाने की शिकायत की गई है। वहीं बीजेपी विधायक ने तालाब की बैरिकेडिंग तोड़े जाने में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों को चिन्हित करने की मांग की है।
खरिका वार्ड प्रथम में अंकित तालाब समेत अन्य राजस्व भूमि को संरक्षित कराने का भी अनुरोध किया है। बीजेपी विधायक ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए भूमाफियाओं पर रोक लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। ताकि इस मामले में संलिप्त अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकें। राजेश्वर सिंह ने इस पत्र की एक प्रतिलिपि मुख्य सचिव को भी भेजा है।