नई दिल्ली। IRCTC ने निजी ट्रेनों के देर होने पर यात्रियों को हर्जाना देने की योजना बंद कर दी है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए इसका खुलासा हुआ है। आईआरसीटीसी ने गोपनीयता का हवाला देकर इस फैसले की वजह नहीं बताई। एक समाचार एजेंसी द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दाखिल आवेदन के जवाब में यह जानकारी सामने आई।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की स्थापना रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे की संपूर्ण खानपान एवं पर्यटन गतिविधियों के संचालन के मूल उद्देश्य से की गई थी और वर्तमान में यह टिकट बुकिंग व निजी ट्रेनों का संचालन भी करता है। आईआरसीटीसी के मुताबिक, इस योजना के तहत चार अक्तूबर 2019 से इस वर्ष 16 फरवरी तक यात्रियों को 26 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर दिए गए। अकेले 2023-24 में 15.65 लाख रुपये का हर्जाना यात्रियों को दिया गया।
15 फरवरी 2024 से बंद की गई योजना
आईआरसीटीसी ने आरटीआई के जवाब में बताया कि निजी ट्रेनों के विलंब या देरी से चलने की स्थिति में हर्जाना देने वाली योजना 15 फरवरी 2024 को बंद कर दी गई। आईआरसीटीसी ने गोपनीयता नीति का हवाला देते हुए इस योजना को बंद करने का कारण बताने से इनकार किया है।
आईआरसीटीसी दो तेजस ट्रेनों का संचालन करता है, जिसमें से एक नई दिल्ली से लखनऊ (चार अक्तूबर 2019 से) और दूसरी अहमदाबाद से मुंबई (17 जनवरी 2020 से) के लिए शुरू की गई थी। यात्रियों को हर्जाना देने के पीछे का कारण यात्रियों को इन ट्रेनों के प्रति आकर्षित करना था, जो मार्केटिंग गतिविधियों का हिस्सा था।
पिछले पांच साल में लाखों दिया हर्जाना
आरटीआई के तहत मिली सूचना के अनुसार, पिछले पांच सालों में आईआरसीटीसी द्वारा दिए गए हर्जाने की बात करें, तो 2019-20 में 1.78 लाख रुपये, 2020-21 में शून्य, 2021-22 में 96 हजार रुपये, 2022-23 में 7.74 लाख रुपये और 2023-24 में 15.65 लाख रुपये का हर्जाना यात्रियों को दिया गया है।
ट्रेन में देरी पर यात्री को दी जाने वाली हर्जाना राशि संबंधी सवाल पर आईआरसीटीसी ने बताया कि 60 से 120 मिनट की देरी पर 100 रुपया और 120 से 240 मिनट के विलंब के लिए 250 रुपया यात्री को हर्जाने के तौर पर दिया जाता था। आईआरसीटीसी के मुताबिक, ट्रेन के रद्द होने पर यात्रियों को पूरा किराया वापस किया जाता था और विलंब की स्थिति में यात्रियों को खाने-पीने की सुविधा भी मुहैया कराई जाती थी। अब यह सुविधा बंद कर दी गई है। इससे यात्रियों में रोष है।