प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 32000 हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया, जम्मू-कश्मीर के विकास को मिलेगी गति
जम्मू।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू में लगभग 32000 हजार करोड़ की विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया जो स्वास्थ्य, शिक्षा, रेल, सड़क, विमानन, पैटोलियम तथा नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं। इन परियोजनाओं से जम्मू-कश्मीर के विकास को और अधिक पंख लगेंगे और लोगों को काफी लाभ होंगे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)
1661 करोड़ से साम्बा जिले के विजयपुर में बने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का लोकार्पण। यह एम्स प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में एक नई क्रांति को लायेगा और जम्मू-कश्मीर सहित पंजाब व हिमाचल के लोगोें को भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा। एम्स जम्मू का मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जम्मू दौरे के दौरान उद्घाटन किया। एम्स सांबा जिले के विजयपुर में स्थित है जो 226.84 एकड़ में फैला हुआ है। इसे 1661 करोड़ रूपये की लागत से तैयार किया जा रहा है। एम्स में 30 जनरल और 20 सुपर स्पेशियलिटी विभाग होंगे। पहले चरण में लगभग तीस से अधिक जनरल और सुपर स्पेशियलिटी विभागों में ओपीडी सेवाएं शुरू की जा रही है जो एक मार्च से शुरू होंगी। पहले चरण में एम्स में आपात सेवाएं शुरू नहीं की जाएंगी। सभी जरूरी उपकरण और पर्याप्त संकाय व अन्य स्टाफ की तैनाती के बाद अगले छह माह में एम्स पूरी तरह से काम करने लगेगा। एम्स की करीब 500 नर्सों को दिल्ली एम्स में विभिन्न चिकित्सा क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया गया है। 187 सृजित पदों में से 85 संकाय सदस्यों की नियुक्ति कर ली गई है और बाकी की भर्ती जारी है।
एम्स रेफरल अस्पताल के रूप में काम करेगा जिसमें गंभीर मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। पहले चरण में 750 बिस्तर स्थापित किए जाएंगे। बाद में इसे बढ़ाकर 900 से अधिक बिस्तर करने का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश में जहरीले पदार्थों के निगलने के बढ़ते मामलों को देखते हुए एम्स प्रशासन प्वाइजिंग (जहर) सूचना व प्रबंधन प्रणाली स्थापित करेगा। इसमें सर्पदंश और दूसरे जहर के मामलों के लिए जिला स्तर पर टेलिमेडिसिन के माध्यम से एम्स विशेषज्ञों द्वारा तत्काल उचित चिकित्सा सलाह मुहैया करवाई जाएगी।
एम्स के सभी 42 भवनों को जीआरसी क्लेडिंग प्रणाली से लैस किया जा रहा है। इसमें 90 प्रतिशत तक भवनों की दीवारों पर आठ इंच के अंतर में लोहे के फ्रेम के साथ विशेष तरह की ग्लास इंफोर्स कंकरीट टाइल स्थापित की गई हैं। इस टाइल की खासियत है कि बाहर के 45 से 50 डिग्री सेल्सियस के तापमान के साथ कड़ाके की ठंड में न्यूनतम तापमान में भी भवनों के भीतरी क्षेत्र में तापमान को सामान्य रखने में मदद मिलेगी जिससे एम्स के भीतर चिकित्सा स्टाफ, मरीजों और तीमारदारों को राहत होगी।
एम्स के शुरू होने से जेएमसी जम्मू में जाने वाले मरीजों की संख्या कम होगी और जीएमसी जम्मू पर मरीजें का दबाव कम होगा। पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मरीजों को इसके शुरू होने से लाभ होगा। एम्स में आईसीयू के 191 बिस्तर रखे गए हैं ताकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को राहत मिल सके। इससे पहले गंभीर रूप से बीमार मरीजों को जीएमसी जम्मू में ही भर्ती किया जाता था या फिर दिल्ली जाना पड़ता था।
रेल परियोजनाएं
जम्मू कश्मीर में बनिहाल-खड़ी-सुंबड़-संगलदान (48 किलोमीटर) रेल लाइन और बारामूला-श्रीनगर-बनिहाल-संगलदान खंड (185.66 किलोमिटर) के बीच नव विद्युतीकृत सहित विभिन्न रेल परियसेजनाओं का लोकापर्ण। प्रधानमंत्री ने पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन और संगलदान स्टेशन तथा बारामूला स्टेशन के बीच रेल सेवा को भी हरी झंड़ी दिखाई। बनिहाल-खड़ी-सुंबड़-संगलदान का शुरू होना महत्वपूर्ण है क्योकि इसमें पूरे मार्ग पर बैलास्ट लेस ट्रैक का उपयोग किया है। भारत की सबसे लंबी रेलवे परिवाहन सुरंग टी-50 (12.77) खड़ी-सुंबड़ के बीच इसी हिस्से में स्थित है। रेल परियोजना दूरदराज के क्षेत्रों तक संपर्क स्थापित करने के साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगी।
इस ट्रैक पर अब इलेक्ट्रिकल इंजन वाली ट्रेन तेज गति से चल सकेंगी। इतना ही नहीं रेलवे ने जापान की तकनीक पर आधारित बैलास्ट लेस ट्रैक तैयार किया है। इस तरह के ट्रैक का निर्माण देश की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन व रैपिड रेल के ट्रैक की तरह किया गया है। बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान के बीच बैलास्ट लेस ट्रैक के उपयोग से यात्रा के दौरान यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना कश्मीर को पूरे देश से रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। बनिहाल-खारी-सुम्बर-संगलदान रेलवे ट्रैक पर ट्रेन चलना सामरिक दृष्टि से भी भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इससे जम्मू-कश्मीर के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और रेलवे के अन्य मार्ग से कनेक्टिविटी भी बढ़ जाएगी।
सड़क परियोजनाएं
7874 करोड़ की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास। प्रधानमंत्री ने जम्मू को कटरा से जोड़ने वाले दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेसवे के दो पैकेज (44.22 किलोमिटर) सहित महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। इसके अलाव श्रीनगर रिंग रोड़ को चार लेन का बनाने के लिए चरण दो, राष्टीय राजमार्ग-1 के 161 किलोमिटर लंबे श्रीनगर-बारामूला-उड़ी खंड के उन्नयन के लिए पांच पैकेज तथा राष्ट्रीय राजमार्ग -444 पर कुलगाम बाईपास और पुलवामा बाईपास का निर्माण का भी शिलान्यास किया। दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेसवे के दो पैकेज पूरा हो जाने पर तीर्थयात्रियों को माता वैष्णों देवी की यात्रा की सुविधा प्रदान करने केे अलावा इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा इसमें श्रीनगर रिंग रोड़ को चार लेन करने के चरण दो में मौजूदा सुंबल-वायुल एनएच-1 को अपग्रेड करना भी शामिल है। 24.7 किलोमिटर लंबी ब्राउनफील्ड परियोजना, श्रीनगर शहर और उसके आसपास यातायात की भीड़ को कम करेगी। इससे मानसबल झील और खीर भवानी मंदिर जैसे लोकप्रिय धार्मिक पर्यटन स्थलों तक संपर्क बेहतर होगा और लेह, लद्दाख की यात्रा के दौरान समय में भी कमी आएगी। एनएचएम-1 के 161 किलोमिटर लंबे श्रीनगर-बारामूला-उड़ी खंड के उन्नयन की परियोजना राजनीतिक महत्व की है।
हवाई अडडा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू हवाई अडडे के नए टर्मिनल भवन की आधारशिला भी रखी। 40 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में फैला नया टर्मिनल भवन भीड़भाड़ के दौरान दो हजार यात्रियों को सवा प्रदान करेगा जो आधुुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यह भवन पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ क्षेत्र की स्थानीय संस्कृति को भी दर्शायेगा। इससे हवाई सेवा और अधिक मजबूत होगी तथा पर्यटन और व्यापार हो भी बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र की आर्थिक प्रगति भी होगी।
सीयूएफ पेट्रोलियम डिपो
प्रधानमंत्री ने जम्मू में सीयूएफ (कमान यूजर फैसिलिटी) पैट्रोलियम डिपो विकसित करने की परियोजना की आधारशिला भी रखी। लगभग 677 करोड़ से विकसित होने वाले इस आधुनिक पूर्ण संचलित डिपो में मोटर स्पिरिट, हाई स्पीड डीजल, सुपीरियर केरोसिन आयल, एविएशन टर्बाइर्न इंधन, इथेनाल, बायो डिजल और विंटर ग्रेड एचएसडी के भंडारण के लिए लगभग 100000 किलो लीटर की भंडारण क्षमता होगी।
अन्य परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर में नागरिक बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए 3150 करोड़ की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इनमें सड़क और पुल, ग्रिड स्टेशन, रिसीविंग स्टेशन, ट्रांसमिशन लाइन परियोजनाएं और सीवेज उपचार संयंत्र, कईं कालेज भवन, आधुनिक नरवाल मंडी, कठुआ में औषधि प्रयोगशाला, गांदरबल और कुपवाड़ा में 224 फ्लैट शामिल हैं। जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी उनमें औद्योगिक एस्टेट का विकास, जम्मू स्मार्ट सिटी के एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र के लिए डेटा सेंटर/आपदा रिकवरी केंद्र, 62 सड़क परियोजनाओं और 42 पुलों का उन्नयन, शामिल है।