लोकसभा चुनाव 2024 : नकारा साबित हुये योगी सरकार के यह मंत्री

लखनऊ। 18वीं लोकसभा के चुनाव नतीजों में बीजेपी की उम्मीदों को यूपी में तगड़ा झटका लगा। बीजेपी के खाते में 80 में से सिर्फ 33 सीटें ही आई। यूपी में बीजेपी के इस निराशाजनक प्रदर्शन के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के 16 मंत्रियों की विधानसभा में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा। इसके अलावा उप्र सरकार के दो मंत्री जयवीर सिंह और दिनेश प्रताप सिंह चुनाव हार गए हैं।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृहक्षेत्र कौशांबी में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। सिराथु विस क्षेत्र में भाजपा के पिछड़ने का क्रम जारी रहा। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की कर्मभूमि जालौन में भी कमल मुरझा गया। वह पार्टी के चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी हैं। कुर्मी-पटेल वोटों की राजनीति करने वाली अपना दल (एस) के कोटे से मंत्री बने आशीष पटेल भी सजातीय वोटों को भाजपा के पाले में नहीं लो सके।

प्रदेश में बीजेपी के वरिष्ठ नेता व उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही अभी पथरदेवा से विधायक हैं और इस विधानसभा में बीजेपी हार गई। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान की भोगनीपुर सीट से बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा भोगनीपुर में पिछड़ी और जालौन हार गई। मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह अपनी मैनपुरी विधानसभा सीट में भी बढ़त हासिल नहीं कर सके।

धर्मपाल सिंह के आंवला विस क्षेत्र में तो भाजपा को बढ़त मिली,लेकिन लोकसभा क्षेत्र हार गई। मेरठ लोकसभा क्षेत्र नजदीकी लड़ाई में भाजपा जीती लेकिन ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर अपनी विस सीट मेरठ दक्षिण में बढ़त दिलाने में फेल हो गए। विस क्षेत्र चुनाव के पहले वीआरएस लेकर भाजपा में शामिल हुए पूर्व आईपीएस असीम अरुण को भाजपा ने दलित चेहरे के तौर पर पेश किया था। समाज कल्याण,अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण मंत्री की कन्नौज (एससी) सीट पर पार्टी पिछड़ गई।

राजस्व राज्यमंत्री अनूप वाल्मीकि हाथरस लोकसभा क्षेत्र से रेकॉर्ड वोटों से जीते लेकिन अलीगढ़ लोस सीट के तहत आने वाली उनकी खैर सीट पर भाजपा की ‘खैर’ नहीं रही। फैजाबाद लोस क्षेत्र की दरियाबाद विधानसभा में सपा आगे रही। यहां के विधायक सतीश शर्मा खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री हैं। कैबिनेट मंत्री संजय निषाद अपने बेटे प्रवीण निषाद की संतकबीर नगर सीट बचाने में फेल रहे। वहीं पंचायती राज, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपने बेटे अरविन्द राजभर को घोसी सीट पर विजय नहीं दिला सके। बलिया की जिस जहूराबाद सीट से वह विधायक हैं, वहां भी सपा आगे रही। राजभर बहुल दूसरी सीटों पर भी भाजपा हारी।

मऊ और बलिया से ही चार मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की शान बढ़ा रहे हैं। इनमें से एक तो सीधे पीएमओ से भेजे गए हैं। एके शर्मा को नगर विकास व ऊर्जा जैसे भारी भरकम और सीधे तौर पर आम आदमी से जुड़े विभाग सौंपे गए हैं। शर्मा के गृह क्षेत्र मऊ में ही बीजेपी फिसड्डी साबित हुई। इन्हें गुजरात लॉबी प्रदेश की कमान देने के लिए भी परेशान रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो अपना विधानसभा क्षेत्र ही नहीं जीता सकता, वह प्रदेश की कमान क्या संभालेगा। योगी सरकार के तेज तर्रार ट्रांसपोर्ट मंत्री दयाशंकर सिंह की बलिया सदर सीट से बीजेपी को बढ़त जरूर मिली, लेकिन इस बार सपा के वोट भी यहां लगभग दोगुने बढ़ गए।

पश्चिम यूपी की अहम संसदीय सीट मुजफ्फरनगर में व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल की सदर सीट पर भाजपा को महज 801 वोटों की बढ़त मिली। अमेठी में संसदीय कार्य, चिकित्सा शिक्षा,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य,परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह की तिलोई विधानसभा सीट में कांग्रेस बीजेपी पर भारी रही। रायबरेली में उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह तो लड़ाई में बुरी तरह पिछड़ गए।

सीतापुर में योगी सरकार के कारागार मंत्री सुरेश राही की हरगांव विस सीट में भी भाजपा पीछे रही, यहां पीएम की रैली भी नतीजा बदलने में नाकामयाब साबित हुई। योगी सरकार में ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम्य विकास तथा ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम सलेमपुर संसदीय सीट पर बीजेपी को जीत नहीं दिला पाने में असफल साबित हुईं। जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी कमिश्नरी गोरखपुर क्षेत्र के सभी लोकसभा सीटों पर कमल खिलाने में सफल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *