अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी में पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनूप सिंह ने विभाग में रिश्वतखोरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में आरोपी दो दरोगा सहित तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
रिश्वत खोरी और कार्यों में लापरवाही को लेकर एस पी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो उपनिरीक्षक एवं एक मुख्य आरक्षी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।निलंबित पुलिस कर्मियों के ऊपर रिश्वत ना मिलने पर जेसीबी को थाने में बंद करने का आरोप है। पुलिसकर्मियों के खिलाफ इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।पूरे मामले की जांच के लिए क्षेत्राधिकारी मुसाफिर खाना को नामित किया गया है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार शुक्रवार को इन्हौना थाना अंतर्गत शेखन गांव के मारूफ अहमद अपने पट्टे की जमीन पर जेसीबी से मेड़ बंदी का कार्य कर रहा था। इसी दौरान थाने के पुलिस कर्मी वहां पहुंच गए। जेसीबी चलवाने के एवज में रिश्वत मांगने लगे। जब उसके द्वारा पुलिस कर्मियों की डिमांड नहीं पूरी की गई तो पुलिस कर्मियों ने जेसीबी को थाने पर लाकर बन्द कर दिया।
जेसीबी को बंद करने के मामले में सोशल मीडिया के एक्स पर वायरल पोस्ट का संज्ञान लेते हुए प्रथमदृष्टया जांच में मामला सही पाया गया। मामले में दोषी पाये जाने पर थाना इन्हौना के उपनिरीक्षक वीरेन्द्र राय, उपनिरीक्षक अमरचन्द्र शुक्ला एवं सिपाही जनार्दन सिंह को पुलिस अधीक्षक अमेठी द्वारा तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।मामले की विस्तृत जांच क्षेत्राधिकारी मुसाफिरखाना को दिया गया है।
पीडि़त मारूफ अहमद ने बताया कि उसका मत्स्य पालन का पट्टा हुआ था जिसके तालाब की मेढ़बंदी का कार्य जेसीबी से करवा रहा था इतने में थाने से दो दरोगा और सिपाही आए जिन्होंने 20,000 रूपये की मांग करने लगे । इतना पैसा न देने पर मुझसे 4000 रूपये छीन लिए और धमकी दी कि कहीं शिकायत करोगे तो मुकदमा लिखकर जेल भेज दूंगा। जिसकी शिकायत पीडि़त ने एसडीम, डीएम सहित मुख्यमंत्री से भी की। फिलहाल एसपी ने मामले में दो उपनिरीक्षक एक सिपाही को निलंबित कर दिया है।