यूपी के कानपुर में 14 बच्चों को डॉक्टरों ने दे दी लाइलाज बीमारी एड्स, खफा समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा, स्वास्थ्य महकमे की हो रही किरकिरी

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में 14 बच्चों को कोई और नहीं, बल्कि डॉक्टरों ने लाइलाज बीमारी एड्स दे दिया। यह सब डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ है, डॉक्टरों ने गलत तरीके से खून चढ़ा दिया और 14 बच्चे एड्स से पीड़ित हो गये। इससे विपक्ष भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हमलावार है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
यहां बता दें कि इन बच्चों में से सभी की उम्र 6 साल से 16 साल के बीच है। इनमें 7 बच्चों के हेपेटाइटिस-बी से, 5 को हेपेटाइटिस-सी से और 2 को एचआईवी से पीड़ित पाया गया है। ये सभी बच्चे कानपुर शहर, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, औरेया, इटावा और कन्नौज के रहने वाले हैं। लाला लाजपत राय अस्पताल के थैलेसीमिया सेंटर में फिलहाल 180 मरीजों का इलाज चल रहा है। इन मरीजों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाता है। साथ ही इन सभी का हर 6 माह में एक बार वायरल बीमारियों की चपेट में आने के खतरे के चलते सघन जांच की जाती है। इन 180 मरीजों में ही संक्रमित मिले 14 बच्चे भी शामिल हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, इन 14 बच्चों ने अर्जेंट जरूरत पड़ने पर निजी और जिला अस्पतालों में भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराया है। ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि उन्हें ये बीमारी एलएलआर में इलाज के दौरान मिली है या बाहर किसी अस्पताल में हुई लापरवाही के कारण ये संक्रमण की चपेट में आए हैं।

इन बच्चों का खून बदलने (Blood Transfusion) के बाद लाला लाजपत राय (LLR) अस्पताल में टेस्ट हुआ था। टेस्ट में ये सभी बच्चे हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B), हेपेटाइटिस-सी (Hepatitis C) और एचआईवी (HIV) यानी एड्स (Aids) के संक्रमण से पीड़ित मिले हैं। लाल लाजपत राय अस्पताल के पीडियाट्रिक्स विभाग के एचओडी डॉ. अरुण आर्या के मुताबिक, बच्चों में ऐसे गंभीर संक्रमण के लक्षण मिलना चिंता की बात है। हालांकि ब्लड ट्रांसफ्यूजन में यह रिस्क बना रहता है। इस सेंटर के नोडल ऑफिसर डॉ. आर्या ने बताया कि पीड़ित बच्चों में से हेपेटाइटिस से संक्रमित मरीजों को गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग और एचआईवी पेशेंट्स को कानपुर में संबंधित रेफरल सेंटर में रेफर कर दिया गया है।

डॉ. आर्या ने भी इस बात को माना है कि यह बात चिंताजनक है। सभी पीड़ित बच्चे पहले से ही थैलेसीमिया कंडीशन के कारण जिंदगी को लेकर जोखिम में जी रहे थे। माना जा रहा है कि इन संक्रमण के बाद अब उनके लिए खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। इधर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अखिलेश ने सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किये हैं।

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