योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। इसी क्रम में झांसी के मऊरानीपुर कोतवाली में तैनात दरोगा विनीत कुमार को एंटी करप्शन टीम ने 15,000 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। दरोगा पर मारपीट के मुकदमे में धाराएं बढ़ाने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप है।
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क्या है पूरा मामला?
बीती 28 जून को मैलोनी गांव में ज्वाला प्रसाद यादव और बृजकिशोर के बीच मारपीट हुई थी। दोनों पक्षों की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई। जांच की जिम्मेदारी दरोगा विनीत कुमार को दी गई। मेडिकल रिपोर्ट में गंभीर चोटों के आधार पर पीड़ित पक्ष (ज्वाला के बेटे अभिषेक) ने धाराएं बढ़वाने की मांग की।
दरोगा ने इसके बदले 40,000 की रिश्वत मांगी। अभिषेक की असमर्थता पर 15,000 अभी और बाकी 25,000 धाराएं बढ़ने के बाद देने की सहमति बनी। लगातार दबाव पड़ने पर अभिषेक ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया।
रंगे हाथ गिरफ़्तारी
गुरुवार को योजना के तहत दरोगा को मऊरानीपुर के आंबेडकर चौराहे पर बुलाया गया। जैसे ही अभिषेक ने 15,000 सौंपे, टीम ने दरोगा को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। मौके पर कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई।
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कानूनी कार्रवाई
एंटी करप्शन टीम ने प्रेमनगर थाने में दरोगा विनीत कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद आरोपी को अपने साथ ले गई। आरोपी दरोगा मूल रूप से बागपत जिले के थाना टटीरी, कस्बा अग्रवाल मंडी का निवासी है।
प्रशासन का संदेश
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश है कि रिश्वतखोरी किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार की अवैध मांग की सूचना तुरंत संबंधित विभाग को दें।
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