डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लगभग 12 वर्षों के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर नियमित डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। बुधवार को जारी भर्ती परिणाम में कुल 166 डॉक्टर चयनित किए गए हैं। संस्थान अब दो-तीन दिनों में सभी को नियुक्ति पत्र सौंपने की तैयारी में जुटा है।
अब संविदा पर नहीं, नियमित डॉक्टर संभालेंगे मोर्चा
निदेशक प्रो. सीएम सिंह ने बताया कि संस्थान की ओपीडी में रोजाना 3500 से 4000 मरीज पहुंचते हैं, जबकि 1250 बेड की इनडोर सुविधा है। अब तक मानसिक रोग, त्वचा रोग, नेत्र, इंडोक्राइन सर्जरी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विभाग संविदा डॉक्टरों के सहारे चल रहे थे। लेकिन अब इन विभागों में नियमित नियुक्तियां हो गई हैं, जिससे न केवल चिकित्सा सेवाएं बल्कि शिक्षण गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
भर्ती विवरण
कुल चयनित डॉक्टर: 166
प्रोफेसर: 6
एसोसिएट प्रोफेसर: 31 (विशेष भर्ती के तहत)
असिस्टेंट प्रोफेसर: 129 (11 विशेष भर्ती सहित)
यह सभी नियुक्तियां पिछले वर्ष जारी 320 पदों के विज्ञापन के आधार पर की गई हैं। मई-जून 2025 में साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी की गई थी।
इन विभागों को मिले नियमित डॉक्टर
एनेस्थीसिया, एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री, कार्डियोवैस्कुलर एवं थोरासिक सर्जरी (CVTS), कार्डियोलॉजी, क्लीनिकल हिमेटोलॉजी, कम्युनिटी मेडिसिन, डेंटल, डर्मेटोलॉजी, इमरजेंसी मेडिसिन, इंडोक्राइन सर्जरी, एंडोक्रिनोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, गैस्ट्रोसर्जरी, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, न्यूक्लियर मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग, नेत्र रोग आदि।
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शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधरेगी
संस्थान में एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डीएम और एमसीएच जैसी उच्च शिक्षा की पढ़ाई होती है। प्रोफेसर स्तर के डॉक्टरों की नियमित तैनाती से छात्रों को अनुभवी फैकल्टी का मार्गदर्शन मिलेगा और शोध व प्रशिक्षण स्तर पर भी संस्थान की स्थिति मजबूत होगी।
निदेशक का बयान
नियमित डॉक्टरों की भर्ती से संस्थान एक नई प्रगति की दिशा में बढ़ा है। इससे न केवल चिकित्सा सेवाएं बेहतर होंगी, बल्कि केजीएमयू और एसजीपीजीआई पर भी दबाव कम होगा। जल्द ही पैरामेडिकल स्टाफ की भी भर्ती की जाएगी।
प्रो. सीएम सिंह, निदेशक, लोहिया संस्थान
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