यूपी में राहुल गांधी इस सीट से लड़ेंगे चुनाव

लखनऊ।

कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी और रायबरेली संसदीय सीट से कौन चुनाव लड़ेगा, यह साफ नहीं हो सका है लेकिन इस बीच अमेठी जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष शुभम सिंह ने कहा है कि इस महीने के अंत तक पार्टी के वरिष्ठ नेतागण अमेठी में कैंप करने लगेंगे और राहुल गांधी एक या दो मई को नामांकन दाखिल करेंगे। सिंह के बयान से अमेठी में उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस पर पर्दा अब उठने लगा है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने शुभम सिंह का वीडियो क्लिप साझा कर एक्स पर लिखा है, यह वायनाड के लोगों का अपमान है, जिन्होंने राहुल को चुना। अगर वह अमेठी से जीतते हैं तो नि:संदेह वायनाड सीट छोड़ दिया जाएगा। इसलिए स्पष्ट रूप से राहुल गांधी के लिए वायनाड ‘प्लान बी है।

दरअसल, कांग्रेस ने जान-बूझकर अमेठी और रायबरेली में उम्मीदवारी को लेकर चुप्पी साध रखी है। हालांकि, अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि राहुल गांधी ही अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। 2019 में भी राहुल ने ही चुनाव लड़ा था, जिन्हें भाजपा की स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था। फिलहाल राहुल केरल की वायनाड संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहां शुक्रवार (26 अप्रैल) को मतदान होना है। इसलिए पार्टी ने राहुल की अमेठी से उम्मीदवारी पर चुप्पी साध रखी है ताकि इससे केरल में ये संदेश ना जाए कि वायनाड राहुल के लिए अहम नहीं है।

इससे राज्य में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। 2019 में राहुल के वायनाड से चुनाव लडऩे की वजह से केरल की 20 में से 15 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई थी, जबकि 19 सीटों पर यूपीए गठबंधन ने जीत दर्ज की थी। सिर्फ एक सीट पर विपक्षी खेमे की जीत हुई थी। कांग्रेस की यह कोशिश रही है कि अमेठी पर सस्पेंस बनाकर राहुल गांधी को केरल के नेता के रूप में पेश किया जाय ताकि 2019 जैसी जीत दोहराई जा सके। वहीं जब वायनाड में चुनाव हो जाएंगे, उसके बाद अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस की उम्मीदवारों का ऐलान किया जाएगा।

अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मुताबिक राहुल ही वहां से चुनाव लड़ेंगे, इसकी अंदरूनी सूचना और चुनावी तैयारियों के निर्देश दिल्ली से मिल चुके हैं। यहां बता दें कि राहुल गांधी ने अमेठी से लगातार तीन बार (2004, 2009 और 2014 में) जीत दर्ज की है। उनसे पहले 1999 में उनकी मां सोनिया गांधी ने वहां से चुनाव जीता था। उनके पिता राजीव गांधी ने 1981 से लगातार 1991 तक यहां से चुनाव जीता था। उनके चाचा संजय गांधी भी 1980 का चुनाव जीत चुके हैं। उनके निधन के बाद ही राजीव गांधी ने 1981 का उप चुनाव अमेठी से जीता था।

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