देश में नशे का जाल कितना गहरा हो चुका है, इसका सबसे कड़वा सच उस वक्त सामने आया जब सोनभद्र पुलिस ने दो कंटेनरों से 1.20 लाख शीशियाँ कोडीनयुक्त कफ सिरप बरामद कर तस्करों की पूरी चेन का धंधा चौपट कर दिया। ये कोई छोटे-मोटे खिलाड़ी नहीं–ये था एक संगठित, राज्य दर राज्य फैला माफिया नेटवर्क, और उसके पीछे बैठा एक नया ‘डॉन’: शुभम जायसवाल।
शुभम–फ़ाइलों में व्यापारी, असल में नशे का ठेकेदार
रांची में पिता के नाम पर ‘शशैली ट्रेडर्स’ नाम की फर्म खोलकर शुभम ने ऐसा खेल रचा कि पुलिस के हाथ लगने से पहले तक देश के आधा दर्जन राज्यों में उसकी पकड़ थी। पूर्वांचल से लेकर झारखंड, MP, बिहार और हिमाचल तक फर्जी बिलिंग–और फिर पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश तक कफ सिरप की तस्करी।
यह भी पढ़ें: ट्रांसफॉर्मर पर ‘तूफान’: तीन इंजीनियरों को एडवर्स एंट्री, चेयरमैन भड़के!
कागज़ों में यह दवा–जमीन पर यह नशा।
और मुनाफा? करोड़ों में।
एयरपोर्ट पर पिता का हंगामा–गिरफ्तारी से बचने की आखिरी, पर फेल चाल
जैसे ही कोलकाता एयरपोर्ट पर शुभम के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को दबोचा गया, तो वहां जो ड्रामा हुआ, उसने पुलिस को भी हैरान कर दिया। पहले कानून की दुहाई, फिर नोटिस की मांग, फिर अचानक “मैं बीमार हूँ” का रोना… और आख़िर में सिंगापुर इलाज का बहाना! लेकिन जब मेडिकल पेपर मांगे गए तो निकला–शून्य। बचने की हर कोशिश धरी रह गई। सीने में दर्द का हवाला देकर जमीन पर लेटने तक की नौटंकी चली, पर सच्चाई यही कि पकड़ मजबूत थी और रास्ते बंद।
यह भी पढ़ें: 2001 से चल रहा ‘कफ सिरप साम्राज्य’!
ताबड़तोड़ छापे: चार ट्रकों में भरी 1150 पेटियां
पहली बरामदगी के बाद पुलिस पीछे हटने वाली नहीं थी।
एसआईटी बनी, सर्विलांस लगा, ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली गई–और धड़ाधड़ छापे शुरू।
गाजियाबाद से चार ट्रकों में दबे 1150 पेटियाँ और निकलीं।
रांची से 34 हजार शीशियाँ और।
ये आंकड़े साबित करते हैं कि यह कोई ‘छोटी मोटी चोरी’ नहीं, बल्कि पूरा इंटरनेशनल सप्लाई नेटवर्क था।
नक़्शे पर तस्करी के ठिकाने: यूपी से लेकर बांग्लादेश तक धागे जुड़े
जांच में पता चला कि शुभम 5 नवंबर को रांची से कोलकाता गया और फिर सीधा दुबई भागने की कोशिश की। इसके खिलाफ सोनभद्र, चंदौली, भदोही, वाराणसी, जौनपुर–कई जिलों में पहले से केस दर्ज थे। ये सिर्फ एक आरोपी नहीं–पूरे नेटवर्क का दिमाग था।

एफएमडी की धांसू कार्रवाई–40 फर्में फर्जी सप्लाई में फंसी
मामला खुलते ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन भी एक्टिव मोड में आया। वाराणसी और पूर्वांचल में छापों की ऐसी बरसात हुई कि कई फर्मों के ताले तक खुलवाने पड़े। ‘शशैली ट्रेडर्स’ ने 40 फर्मों को सप्लाई दिखा रखी थी, जिन पर अब NDPS एक्ट में केस दर्ज हैं।
जौनपुर में 45 करोड़ की अवैध बिक्री,
मऊ में कड़क कार्रवाई, सुल्तानपुर, नदेही, भदोही–हर जगह फर्जी फर्मों की परतें खुलती गईं।
यह भी पढ़ें: अयोध्या होम्योपैथी में ‘दवा कमीशन कांड’!
नशे का साम्राज्य हिला, अब कई बड़े चेहरे गिरेंगे
सोनभद्र पुलिस की इस एक कार्रवाई ने उस पूरे नशे के खेल में हलचल मचा दी है, जो चुपचाप शहरों, कस्बों और सीमाओं के आर-पार फैल चुका था। तस्करों ने कागज़ी व्यापार की आड़ में करोड़ों का धंधा खड़ा कर लिया था–लेकिन अब उनके दिन पूरे होते दिख रहे हैं। आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम गिर सकते हैं–जिसकी भनक अभी सिर्फ पुलिस को है, जनता को नहीं।
NIA- उपरोक्त खबर के संदर्भ में कोई सुझाव आप newindiaanalysis@gmail.com पर दे सकते हैं। हम आपके सुझाव का स्वागत करते हैं। अपना मोबाइल नंबर जरूर साझा करें। NIA टीम के साथी आप से संपर्क करेंगे।




