नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए 11 अगस्त को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-पीजी) 2024 कुछ व्यवहारिक परेशानियों का हवाला देते हुए स्थगित या पुर्निर्धारित करने की मांग वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ , न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विशाल सोरेन और अन्य के याचिका पर संबंधित पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह परीक्षा आयोजित होने से कुछ दिन पहले उसे स्थगित करने का आदेश नहीं दे सकती।
सोरेन और अन्य द्वारा दायर याचिका दलील दी गई थी कि अभ्यर्थियों को एन वक्त पर ऐसे शहरों में परीक्षा केंद्र आवंटित किए गए हैं, जहां पहुंचना उनके लिए बेहद मुश्किल हो रहा है। उन्हें अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका दायर करते समय में कहा गया था कि परीक्षा शहरों का आवंटन 31 जुलाई को किया गया और परीक्षा केंद्रों की घोषणा आठ अगस्त को की जानी है।
इस प्रकार अभ्यर्थियों को 11 अगस्त को परीक्षा के लिए संबंधित केंद्रों तक पहुंचने के लिए बहुत कम समय दिया गया। इसके अलावा परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जानी है। इतना ही नहीं सामान्यीकरण और अन्य फॉर्मूले के बारे में अभ्यर्थियों को कुछ भी मालूम नहीं है। इस वजह से याचिकाकर्ताओं को कई प्रकार की आशंका हो रही है।