यूपी के हाथरस में चारो तरफ महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की चीख-पुकार
लखनऊ/हाथरस। संत भोले बाबा का शान ओ शौकत से चल रहा था। बाबा मंच पर विराजमान होकर श्रद्धालुओं को प्रवचन सुना रहे थे। भारी संख्या में श्रद्धालु वहां आए थे। इसी बीच सत्संग स्थल से निकलने की होड़ में भगदड़ मच गई।
माना जा रहा है कि आयोजन स्थल में गर्मी और उमस से परेशान होकर लोग बाहर खुली हवा में जाने के लिए एकदम से उठ खड़े हुए। निकलने का गेट संकरा होने की वजह से वहां पर जाम लग गया। एक साथ काफी सारे लोग निकलने की कोशिश करने लगे, इसी में भगदड़ मच गई। लोग एक के ऊपर एक होकर बाहर निकलने की होड़ में जुट गए, जिसको जहां से रास्ता मिला वह उधर हो लिया, जो गिर गया वह फिर उठ नहीं पाया। इसी आपाधापी में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
हादसा इतना बड़ा है कि मरने वालों की संख्या 120 से ज्यादा हो सकती है, क्योंकि, सत्संग में सैकड़ों लोग शामिल थे। इसमें सबसे ज्यादा महिला श्रद्धालुओं की संख्या थी। भीड़ में बच्चे और बुजुर्ग भी थे। मरने वालों में सबसे ज्याद महिलाएं ही हैं। बच्चों और बुजुर्गों की भी जान गई है। हालात ये हो गए कि सत्संग स्थल के गेट के बाहर लाशें बिछ गईं। जिन लोगों की सांसें चल रही थीं उनको टेंपो, ठेली और अन्य साधनों से पास के अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन, वहां भी इतनी संख्या में पीड़ित पहुंच गए कि इलाज ठीक से नहीं मिल पाया। ज्यादातर ने तो अस्पताल पहुंचते ही गेट पर दम तोड़ दिया।
लोगों को स्ट्रेचर तक नहीं मिला। बॉडी बाहर जमीन पर ही पड़ी रहीं। उनके अपने बिलखते रहे लेकिन, कोई उन्हें कांधा तक देने नहीं आया। इस भगदड़ की वजह सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों का न होना माना जा रहा है।
जिला प्रशासन की लापरवाही आई सामने
हादसे में प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। क्षमता से ज्यादा भक्त एकत्र हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सत्संग खत्म होने के बाद बाहर निकलने की जल्दबाजी में भगदड़ मच गई। देखते ही देखते हालात बिगड़ गए और लोग एक दूसरे के नीचे दब गए। भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई। काफी देर तक घटनास्थल पर कोई राहत बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ था। मृतकों के परिजनों ने कहा, पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते ये भयावह हादसा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50 हजार की घोषणा की
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए जांच के आदेश देने के साथ मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी ने हादसे में घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
हाथरस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री स्वयं पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। पूरे घटनाक्रम पर वह सीधी नजर रखे हुए हैं। इससे पहले सरकार के दो मंत्रियों के अलावा प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजे गए हैं। एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश भी दिए हैं। कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर होगी। शासन आयोजकों और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।