नई दिल्ली। एनएसडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और एनएसडीसीआई के प्रबंध निदेशक (एमडी) वेद मणि तिवारी ने कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में क्रांति लाने में एडटेक की अपार क्षमता पर जोर देते हुये कहा है, भारत बढ़ती युवा आबादी के साथ दुनिया की प्रतिभा की राजधानी बनने की ओर अग्रसर है।
तिवारी ने फिक्की द्वारा कल अधिक न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के विषय के तहत आयोजित ‘पहले एडटेक कॉन्क्लेवÓ में कहा कि भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने के लिए शिक्षा प्रणाली में कौशल विकास को सहजता से एकीकृत करने की आवश्यकता भी है। उन्होंने शिक्षा और परामर्श जैसे क्षेत्रों में भारतीय पेशेवरों की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए एडटेक का लाभ उठाने के महत्व को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि अगले 20 वर्षों में दुनिया में 100 करोड़ नए कर्मचारी जुड़ेंगें और उसमें भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत होगी। इस कॉन्क्लेव में डिजिटल युग में शिक्षा के भविष्य को आकार देने के लिए मंत्रालय, नियामक निकायों, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के नेताओं के प्रमुख हितधारकों को एकजुट किया गया।
एआईसीटीई के मुख्य समन्वय अधिकारी डॉ बुद्ध चंद्रशेखर ने भाषा की बाधाओं के बावजूद सभी के लिए सुलभ व्यक्तिगत शिक्षा का आह्वान किया। उन्होंने ज्ञान को व्यावहारिक अनुप्रयोगों में बदलने में शिक्षाविदों की भूमिका पर जोर दिया। डॉ चंद्रशेखर ने कौशल अंतराल की पहचान करने और तदनुसार शिक्षा को संरेखित करने के लिए एक व्यापक कौशल सर्वेक्षण की वकालत की। उन्होंने उद्यमिता और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व पर भी जोर दिया।