चंद्रग्रहण 28 या 29 अक्टूबर को, जाने वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य जया सिंह से
धार्मिके डेस्क : चंद्रग्रहण अक्टूबर 2023 में 28 को होगा या 29 को इसको लेकर आध्यात्म से जुड़े लोग उहापोह की स्थिति में हैं, जिस पर वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य जया सिंह ने विस्तार से प्रकाश डाला। उनके मुताबिक 28 अक्टूबर 2023 को 16:05 मिनट से सूतक प्रारंभ हो रहा है और 29 अक्टूबर 2023 को 1:00 बजे रात्रि में ज्योतिषीय समय के अनुसार 46:05:14 घटी पर चंद्र ग्रहण हो रहा है। इसलिए हमें यहां पर शनिवार का ही दिन लेना है क्योंकि सूर्योदय से पहले पुराना दिन ही माना जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को घटित हो रहा है यद्यपि पाश्चात्य विज्ञान के अनुसार रविवार का दिन आएगा I भारतवर्ष में खंड ग्रास चंद्र ग्रहण होगा जो कि पूरे भारतवर्ष में देखा जाएगा। इस ग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर 2023 को 16:05 मिनट से प्रारंभ होगा I ग्रहण का ग्रास मान केवल 0.12 प्रतिशत होगा अर्थात चंद्र बिम्ब का बहुत छोटा सा हिस्सा ही ग्रसित होगा।
चंद्र ग्रहण के समय… योग-सिद्ध ,करण-वव, वर्ण -क्षत्रिय,वश्य -चतुष्पद,योनी- अश्व,राशि- मेष,राशिश- मंगल,नक्षत्र -अश्विनी, गण -देव ,नाडी – आद्य,वर्ग -मृग,तत्व -अग्नि,राशि पाया=तांबा,नक्षत्र पाया-स्वर्ण
शास्त्रीय आधार – भद्रबाहु संहिता भद्रबाहु संहिता PG. NO. 361–मेष राशि में चंद्र ग्रहण हो तो मनुष्यों को पीड़ा होती है,पहाड़ी प्रदेश,पंजाब,दिल्ली,दक्षिण भारत,महाराष्ट्र,आंध्र प्रदेश आदि प्रदेशों में बीमारियों का सामना करना पड़ता है
मेष राशि में ग्रहण शुद्र एवं वर्णसंकर को अधिक कष्ट देता है।
अश्विनी नक्षत्र में ग्रहण – हो तो दाल वाल अनाज जैसे उड़द, चना आदि महंगे होंगे।-चित्रा नक्षत्र का केतु कुरुक्षेत्र के लिए घातक होता है ।
-अश्विन मास के ग्रहण का फल– ईरान, चीन आदि देशों में कष्ट ,प्राकृतिक प्रकोप,वैद्यों को कष्ट
-वर फल–शनिवार का ग्रहण चोरों के उपद्रव ,राज्य के मंत्रियों को कष्ट एवं अनाज का संग्रह करने वालों को उत्तम लाभ मिलता है।
-सिद्धि योग का फल–धातुओं में तेजी,यातायात के संसाधनों में वृद्धि और उद्योगपतियों को कष्ट
आधुनिक ज्योतिष विज्ञान के आधार पर–
1-भारतवर्ष में ग्रहण के समय कर्क लग्न उदय हो रहा है जो कि भारतवर्ष की कुंडली का तृतीय भाव है अर्थात भारत के पड़ोसी देशों के लिए यह समय अच्छा नहीं है ।
2-मेष राशि का या चंद्र ग्रहण भारतवर्ष की कुंडली से द्वादश भाव में स्थित है अतः विदेशी संबंधों का सूचक है जिसमें भारी उलटफेर की संभावना दिखाई पड़ती है।
3-भारत के उत्तर पूर्व के क्षेत्र एवं दक्षिण पश्चिम क्षेत्र फिर से 4-किसी षड्यंत्र का सामना करते हुए दिखाई दे रहे है, प्राकृतिक उपद्रव के साथ-साथ किसी बीमारी का भी इन क्षेत्रों को सामना करना पड़ सकता है ।
5-सांप्रदायिक तनाव पूर्वी क्षेत्रों में बढने की सम्भावना
6-इस ग्रहण के साथ विश्व स्तर पर भारत अपनी संप्रभुता प्रतिष्ठा एवं मान सम्मान बढ़ेगा और भारतवर्ष की छवि विश्व स्तर पर शीर्ष नेतृत्व के भूमिका के रूप में दिखाई देगी ।
7-भारतवर्ष में रोजगार के नए अवसर आएंगे जो कि भारत को आर्थिक रूप से संपन्न बनाएंगे इसमें विशेष तौर पर स्पेस प्रोग्राम एवं संचार – यातायात के क्षेत्र में क्रांति की संभावना है ।
8-भारतवर्ष के लिए यह ग्रहण प्राकृतिक भूगर्भीय संपदा के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा।
9-भूकंप– यह ग्रहण भूकंप की दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील है, जिसमें से दिल्ली एवं पहाड़ी प्रदेश विशेष तौर पर प्रभावित हो सकते
हैं। पहाड़ी प्रदेश- मतलब की उत्तराखंड [उत्तरांचल] आदि प्रदेश भूकंप की दृष्टिकोण से निम्न तिथियां महत्वपूर्ण है – –29, 30 AND 31 OCT 2023 और 1,2,3,4,5 NOV 2023
29 AND 30 OCT 2023 अत्यधिक संवेदनशील है।
सामान्य विश्व स्तर पर चंद्र ग्रहण का आंकलन – इस ग्रहण की कुछ विशेष ग्रह संयोजन इसे अत्यधिक महत्वपूर्ण बना देते हैं जैसे -गज -केसरी योग, शिव-राजयोग य राज लक्षण योग,कर्माधिपति- धर्माधिपति योग,चंद्र- मंगल योग, गुरु- मंगल योग,सूर्य -मंगल -बुध योग एवं सूर्य- शुक्र स्थान परिवर्तन योग। इस प्रकार ये सब योग मिलकर इस कुंडली को बहुत सशक्त बना देते हैं ।
-विश्व स्तर पर यह ग्रहण धर्म और अधर्म के मध्य एक रेखा खींचने वाला होगा। अ-धार्मिक ताकतों को कमजोर करने वाला होगा।अर्थात आतंकवाद कमजोर होगा ।
-विश्व में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा,क्रिश्चियन मुस्लिम और यहूदियों के बीच तनाव बढ़ता जाएगा जो देश की सीमाओं के साथ-साथ देश के अंदर भी तनाव उत्पन्न करेगा ।
-यह ग्रहण एक तरफ बीमारियों के बढ़ने के संकेत को दिखाता है तो दूसरी तरफ नई औषधीय के शोध का भी दिखा को भी दिखता है ।
- विश्व के संदर्भ में भी ऊपर दी हुई तिथियां भूकंप की दृष्टिकोण से संवेदनशील रहेंगी ।