नई दिल्ली। भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात इस वर्ष जुलाई में एक साल पहले की तुलना में 1.2 प्रतिशत घट कर 33.98 अरब डालर रह गया, जबकि आयात 7.5 प्रतिशत बढ़ कर 57.48 अरब डालर पर पहुंच गया। वाणिज्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता के बावजूद भारत का निर्यात संभला हुआ है तथा इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का निर्यात बढ़ा है।
वाणिज्य मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में देश का व्यापार घाटा (निर्यात की तुलना में आयात की बढ़त) पर बढ़कर 23.50 अरब डॉलर हो गया। जून में व्यापार घाटा 20.98 अरब डॉलर तथा पिछले वर्ष जुलाई में 19 अरब डालर था। पिछले वर्ष जुलाई में वाणिज्यिक माल का निर्यात 34.39 अरब डालर तथा आयात 53.49 अरब डालर के बराबर था।
इस वर्ष जून माह में निर्यात 2.56 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 35.2 प्रतिशत और आयात पांच प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़ कर 56.18 अरब डॉलर के बराबर था। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने जुलाई के आंकड़ों पर कहा कि यही रुझान जारी रहे तो देश का कुल निर्यात जिसमें माल के अलावा सेवा निर्यात भी शामिल होता है, चालू वित्त वर्ष में पिछले वित्त वर्ष से अधिक रहेगा। ‘श्री बर्थवाल ने कहा, ‘विश्व में जो कुछ घटित हो रहा है उसमें भी हमारा निर्यात संभला हुआ है तथा इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक सामनों के निर्यात में अच्छी खासी वृद्धि में इसकी झलक दिखती है।
उन्होंने यह भी कहा कि निर्यात में मासिक आधार पर उतार चढ़ाव इस समय कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों से प्रभावित है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान वाणिज्यक निर्यात 4.15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 144.12 अरब डालर और आयात 7.57 प्रतिशत बढ़ कर 229.7 अरब डालर रहा। इस वर्ष जुलाई में सेवाओं का निर्यात 28.43 अरब डॉलर और आयात 14.55 अरब डॉलर रहा। इससे पिछले माह जून में यह क्रमश: 28.82 अरब डॉलर और 15.02 अरब डॉलर था।