यूपी में सड़क सुरक्षा में करोड़ों खर्च के बाद भी हादसों में नहीं आ रही कमी
कागजों पर चल रहा सड़क सुरक्षा अभियान
प्रचार प्रसार के लिये फिर खर्च होंगे 10 करोड़
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग और परिवहन निगम पैसे तो पानी की तरह बहा रहा है। मगर सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है। इसकी वजह भी साफ है, प्रचार-प्रसार बिल बाउचर में ज्यादा और मौके पर कम होता है। अब एक बार फिर निर्णय लिया गया है। दस करोड़ रूपये प्रचार प्रसार में खर्च किये जाएंगे।
निगम की बसों के पीछे सड़क सुरक्षा के स्लोगन और संदेश लगाए जाएंगे, जिससे बड़े पैमाने पर लोग सड़क सुरक्षा के विषय में जागरूक हो सकें। इसके लिए परिवहन निगम को 10 करोड़ की धनराशि आवंटित की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन एवं प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू की अध्यक्षता में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में इसका अनुमोदन किया गया। बैठक में परिवहन विभाग एवं परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2024 -25 में राजस्व में वृद्धि के विषय पर चर्चा हुई। इस दौरान प्रमुख सचिव परिवहन द्वारा निगम की बसों के पीछे सड़क सुरक्षा संदेश के प्रचार-प्रसार के लिए परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा कोष से उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को 10 करोड़ की धनराशि आवंटित करने का अनुमोदन प्रदान किया गया। इस राशि से प्रदेश भर में संचालित हो रही सभी बसों के माध्यम से सड़क सुरक्षा का संदेश प्रचारित किया जाएगा। इस समय परिवहन निगम प्रदेश भर में 11,800 बसों का संचालन कर रहा है, जिसमें से 2500 बसें चुनाव ड्यूटी में लगी हैं। इन सभी बसों के पीछे सड़क सुरक्षा के स्लोगन और संदेश के माध्यम से जन जागरुकता का प्रयास किया जाएगा। लोगों को कार चलाते वक्त सीट बेल्ट लगाने, एल्कोहल का सेवन कर वाहन न चलाने के साथ सड़क सुरक्षा से संबंधित अन्य संदेश शामिल होंगे।
परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि सड़क सुरक्षा को लेकर विभाग गंभीरता के साथ कार्य कर रहा है। इसके तहत समय-समय पर सड़क सुरक्षा पखवाड़ा भी आयोजित किया जाता है। हाल ही में 22 अप्रैल से 4 मई के बीच सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया गया। इसमें बड़े पैमाने पर गतिविधियों के जरिए लोगों को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया गया। इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा के करीब चालकों के स्वास्थ्य और नेत्र परीक्षण के लिए कैंप लगाए गए। टोल प्लाजा पर ट्रैक्टर ट्रालियों में रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगाए जाने की भी कार्यवाही की गई। इसके साथ ही रोड सेफ्टी क्लब एवं वालंटियर्स के माध्यम से 18 वर्ष से कम आयु के युवाओं को वाहन न चलाने के प्रति जागरूक किया गया, वहीं दो पहिया वाहन चालकों को हेल्मेट अनिवार्य रूप से पहनने, स्टंटिंग न करने, रांग साइड ड्राइविंग, ओवरस्पीड, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न किए जाने के लिए प्रेरित किया गया।