यूपी से अलग होकर नया राज्य बनेगा बुंदेलखंड !

लखनऊ / जालौन। पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग को लेकर गुरुवार को बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में दूसरे चरण की गांव-गांव, पांव-पांव यात्रा की शुरुआत हो गई है। यह यात्रा कोटरा के सैदनगर स्थित शक्तिपीठ रक्त दंतिका देवी मंदिर से शुरू हुई।

जहां विधि विधान से पूजा अर्चना की गई, जिसके बाद ग्रामीणों के साथ बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला ने बैठक की और उन्हें पृथक बुंदेलखंड राज्य क्यों बनाया जाना है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी, इसके बाद से यह पदयात्रा आगे की ओर बढ़ी। बता दें कि बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग बीते कई वर्षों से बुंदेलखंड के लोग उठा रहे है।

लेकिन यहां के लोग इसके लिए जागरूक नहीं हो पा रहे है, जिस कारण बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग ठंडे बस्ते में चली जाती है, इसीलिए बुंदेलखंड के लोगों को जागरूक करने के लिए बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला ने बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में अक्टूबर माह से गांव-गांव, पांव पांव यात्रा की शुरुआत की थी, पहले चरण में यह यात्रा ललितपुर जनपद के सभी गांवों को कवर करती हुए झांसी पहुंची थी, जहां पहले चरण का समापन हुआ था।

दूसरे चरण की शुरुआत गुरुवार से जालौन के रक्त दंतिका शक्ति पीठ सैदनगर कोटरा से प्रारंभ हुई, जहां इस यात्रा को लेकर चलने वाले बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला और बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के कार्यकर्ताओं में विधि विधान से मां रक्त दंतिका की पूजा अर्चना की, जिसके बाद से यह पद यात्रा सैदनगर गांव में पहुंची, जहां ग्रामीणों से बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला ने बात की और उनमें ऊर्जा भरने का काम किया, साथ ही यह भी जानकारी दी कि बुंदेलखंड राज्य की क्यों जरूरत है।

ग्रामीणों से संवाद करने के बाद यह पद यात्रा आगे के लिए प्रस्थान की गई, इस पदयात्रा में बुंदेलखंड राज्य के निर्माण की मांग को जोर दिया जा रहा है, जिससे केंद्र सरकार बुंदेलखंड राज्य का निर्माण करे। बता दें कि गांव-गांव, पांव-पांव यात्रा 10 जनवरी को उरई में समाप्त होगी। जो जनपद के कोटरा, एट, कोंच, क्योलरी, बंगरा, माधौगढ़, रामपुरा जगम्मनपुर, उमरी, गोहन, जालौन, चुर्खी, नियामतपुर, कालपी, कदौरा, मुसमरिया होते हुए 10 जनवरी को उरई में विश्राम के बाद समाप्त होगी।

इस दौरान इसकी अगुवाई करने वाले बुंदेलखंड विकास बोर्ड की उपाध्यक्ष राजा बुंदेला ने कहा कि इसका लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना और बुंदेलखंड पृथक राज्य का विचार एवं इसका महत्व समझाना है, उन्होंने कहा कि सात नदियों का पानी बुंदेलखंड में तब भी बुंदेलखंड प्यासा है, ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सीय सुविधा का अभाव है 68% लोग पलायन कर चुके हैं।

बुंदेलखंड की खनिज संपदा को बाहरी लोग लेकर जा रहे हैं, जब तक बुंदेलखंड राज्य नहीं बनेगा बुंदेलखंड का विकास नहीं होगा, न यहां की शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार तरक्की कर सकते हैं। राजा बुंदेला ने कहा कि बुंदेलखंड के लोगों की मांग है कि बुंदेलखंड जल्द राज्य बने, यदि सरकार बुंदेलखंड राज्य अलग से नहीं बना रही है तो उसे लक्षद्वीप, अंडमान निकोबार जैसा केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए, जिससे यहां के लोगों को सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि भाजपा छोटे-छोटे राज्यों के लिए समर्थन कर रही है, मगर राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण यहां का विकास नहीं हो पा रहा है।

उन्होंने कहा कि जब तक बुंदेलखंड की लड़ाई को जनमानस तक नहीं ले जाएंगे, तब तक यह यात्रा जारी रहेगी, उन्होंने कहा कि 2027 तक वह उम्मीद लगाए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुंदेलखंड राज्य आकार ले लेगा और जल्दी बुंदेलखंड राज्य बन जाएगा, लेकिन हमें सरकार तक बुंदेलखंड की बात पहुंचानी है, इसीलिए हर बुंदेलियों को इसको प्राथमिकता से लेना होगा।