ब्रह्मलीन भगवान गिरी आश्रम में हुआ स्व. किशोरी लाल की स्मृति में भगवत गीता पाठ और षोडशी भंडारा
गुरु और शिष्य के बीच का संबंध अटूट होता है : बाबा भूपेंद्र गिरी
ऋषिकेश। ब्रह्मलीन भगवान गिरी के भक्त स्वर्गीय किशोरी लाल की स्मृति में आयोजित भगवत गीता , विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, हवन आदि के पश्चात षोडशी भंडारा का आयोजन किया गया।
मायाकुंड आश्रम में स्थित भगवान गिरी आश्रम में भगवान गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा भूपेंद्र गिरी के संचालन में भक्त स्वर्गीय किशोरी लाल की स्मृति में षोडसी भंडारा एवं भगवत गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, हवन आदि का आयोजन किया गया, जिसमें सभी उपस्थित संतों ने पूर्ण आहुति दी।
इस अवसर पर बाबा भूपेंद्र गिरी ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु और शिष्य के बीच का संबंध अटूट होता है दोनों एक दूसरे के पूरक है क्योंकि गुरु ही शिष्य को सद्मार्ग पर चलने का मार्ग प्रशस्त करता है, गुरु के बिना शिष्य अधूरा रहता है इसलिए कहा है गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिल पाता गुरु शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
गौरतलब है कि पंजाब के किशोरी लाल भक्त ने ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज जी की 22 वर्ष तक सेवा करते हुए उनके ब्रह्मलीन होने के पश्चात उनकी समाधि की भी 22 वर्ष तक लगातार सेवा की थी।
भागवत गीता पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, हवन में प्रमुख रूप से भगवान गिरी आश्रम के महंत भूपेंद्र गिरी महाराज,गुजराती आश्रम के राघवेंद्रनंद महाराज के साथ आए सभी संतगण, गोपाल गिरि महाराज, परीक्षित गिरि , कबीर चौरा आश्रम के मंहत कपिल मुनि, एवम भक्त गणों में मनोहर लाल, विक्रम सिंह, जगमोहन, गोवर्धन लाल, समेत पंजाब, बरेली से आए हुए काफ़ी संख्या में भक्त गण मौजूद थे।