सीएए पर अरविंद केजरीवाल के बयान से नाराज अखिल भारतीय संत समिति
पूरे विश्व के हिंदू दलितों के अधिकारों पर हमला और उन्हें अपराधी बताने का षड्यंत्र: स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती
वाराणसी। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विवादास्पद बयान पर काशी के संतों में नाराजगी बढ़ रही है। अखिल भारतीय संत समिति ने बयान की कड़ी निंदा की है। गुरूवार को समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने अरविंद केजरीवाल के बयान को हिंदुओं के लिए बेहद अपमानजनक बताया है। स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस प्रकार ममता बनर्जी बनर्जी, विजयन, एमके स्टालिन और अरविंद केजरीवाल ने बयानबाजी की है, यह भारत के प्रति इनकी खतरनाक प्रवृति दर्शाता है।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या धर्म के आधार पर भारत में पहला कानून बना है? इस देश के विभाजन का आधार ही धर्म रहा है। 1947 में जब मुसलमानों ने कहा कि हम हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते तब पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे राष्ट्रों के निर्माण हुआ। यह दोनों देश बने तो सेकुलर थे, लेकिन कालांतर में दोनों इस्लामिक राष्ट्र बन गए। जिस प्रकार अरविंद केजरीवाल ने यह कहा कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के हिंदुओं के आने से भारत में छिनैती, हत्या और बलात्कार की घटनाएं बढ़ेंगी और हमारे बच्चों के रोजगार छीनकर करके उनको दे दिए जाएंगे। हम अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहते हैं कि दुनिया भर में कितने हिन्दू, बौद्ध, सिख जैन, अपराध में कितने संलिप्त हैं?
स्वामी जितेन्द्रानंद ने कहा कि भारत के आपराधिक रिकॉर्ड में जेलों में बंद अपराधी किस जाति और धर्म से हैं, अरविंद केजरीवाल को स्पष्ट करना चाहिए। साथ ही जो नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़े वह भी धर्म के आधार पर सार्वजनिक किए जाने चाहिए। जिस प्रकार हिंदू समाज के ऊपर आरोप लगाकर, पूरे दुनिया के हिंदुओं को चोर डकैत और बलात्कारी ठहराने का प्रयास किया गया है, वह घोर निंदनीय है। अरविंद केजरीवाल को नजर नहीं आता क्या कि अफगानिस्तान से किस प्रकार सिख भाई गुरु ग्रंथ साहब को अपने सर पर लेकर भारत आए थे।
स्वामी जीतेंद्रानंद ने कहा कि हम सीएए का विरोध करने वाले सभी मुख्यमंत्रियों से पूछना चाहते हैं कि ननकाना साहब के मुख्य ग्रंथी की बेटी की इज्जत लूट ली गई, क्या उसे सुरक्षा और सम्मान से जीवन व्यतीत करने के लिए भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए या नहीं, इस बात का जबाब हां या ना में दें। अरविंद केजरीवाल का बयान उन सिखों और गुरु गोविंद सिंह की गुरु परंपरा का अपमान है। पाकिस्तान से जो हिंदू आएंगे, वे सामान्य हिंदू नहीं हैं।
क्रिकेटर दानिश कनेरिया जैसे हिंदुओं को विदेशों में शरण लेनी पड़ रही है तो वहां के आम गरीब और दलित हिंदुओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जाना चाहिए। केजरीवाल का बयान सीधे-सीधे हिंदू दलितों के अधिकारों पर हमला है। केजरीवाल चाहते हैं कि तुम मर जाओ खप जाओ लेकिन तुम्हे भारत में शरण नहीं मिलेगी, अरविन्द केजरीवाल का यह इस्लामिक षड्यन्त्र है। दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये, रोहिंग्याओं को सुविधा उपलब्ध कराने वाला व्यक्ति हिन्दू शरणार्थियों के प्रश्न पर मौन हो जाता है। पाँच करोड़ घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखा कर ढाई करोड़ हिन्दुओं के लिये स्थान बनाया जा सकता है।
स्वामी जीतेंद्रानंद ने सवाल उठाए कि अरविंद केजरीवाल यह भी बताएं कि दिल्ली में झुग्गी झोपडय़िों में कितने बांग्लादेशियों और रोहंगियायों को उन्होंने पालकर रखा है। दिल्ली के मस्जिदों में नमाज अदा करने के नाम पर मौलानाओं को दिए जाने वाले वेतन का भी हिसाब देना पड़ेगा अरविंद केजरीवाल को। जिस प्रकार पूरे दुनिया के हिंदुओं के चरित्र को सीएए के बहाने भारत आने पर लांछित करने का प्रयास किया गया है, अखिल भारतीय संत समिति इसकी कठोर शब्दों में निंदा करती है।
उन्होंने कहा कि अब संत गांव-गांव निकलेंगे और इन बातों पर चर्चा करेंगे और अरविंद केजरीवाल जैसे लोगों को घुटने टेकने को मजबूर कर देंगे। गौरतलब हो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएए लागू होने पर कहा है कि इस कानून के लागू होने से पाकिस्तान के लोग भारत आएंगे, ये कितना सुरक्षित होगा। चोरी, बलात्करा, डकैती और दंगे बढ़ेंगे। अगर आपके घर के पास पाकिस्तान, बांग्लादेश से लोग आकर झुग्गी बनाकर रहने लगे तो क्या आप पसंद करोगे?