गुरु पूर्णिमा में सद्गुरू योगीजी को समर्पित की पुस्तक
साइकलॉजिस्ट डॉ प्रियंका ने गुरुपूर्णिमा में युवाओं को भेंट की स्वलिखित पुस्तक
लखनऊ। संस्कारविहीन शिक्षा के दौर में युवा पीढ़ी भ्रमित और गुमराह हो रही है, जिसके कारण युवा अमर्यादित आचरण, नशा, गैरकानूनी कार्य, व्यभिचार और आत्महत्याएं कर रहा है। गुरुपूर्णिमा के अवसर पर विख्यात साइकलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका शुक्ला ने परमपूज्य सद्गुरू कलयुगावतार ब्रम्हर्षि हृदय नारायण योगीजी को युवाओं की मनोवैज्ञानिक समस्याओं का निदान पुस्तक भेंट की।
विमोचन योगीजी के सदशिष्य आनंद कृष्ण शुक्ला सद्गुरू व वरिष्ठ पत्रकार रामकुमार सिंह ने किया। डॉ प्रियंका ने पुस्तक में नींद व तनाव विकार, नकारात्मक सोच, मोबाइल लत, क्रोध, चिंता, समय प्रबंधन की समस्या इत्यादि विषयों का अत्यंत सरल शब्दों में व्याख्यान किया है। यह पुस्तक वर्तमान समय में प्रत्येक युवा की मनोवैज्ञानिक समस्याओं का निराकरण करेंगी और सकारात्मकता प्रदान करेंगी। डॉ प्रियंका ने कहा कि जीवन में समृद्धि प्राप्त करने के लिए जीवन में आदर्शों एवं मूल्यों का निर्माण कर स्वयं को सही दिशा देकर परिवार, समाज व राष्ट्र का उत्थान करने में यह पुस्तक विशेष लाभ देगी। साथ ही उन्होंने श्रीराम चरित मानस के योगीजी के सिद्धांतों तप, सेवा व सुमिरन पर अपने अनुभव साझा किये।
जाने कौन हैं डॉ. प्रियंका शुक्ला
डॉ. प्रियंका शुक्ला वर्तमान में राजकीय महाविद्यालय हसौर, बाराबंकी के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं। इसी के साथ वे हदृयानंद पथ संस्था की संस्थापिका है जिसका उद्देश्य बच्चों एवं युवाओं के समग्र कल्याण में सहायता प्रदान करना हैं, जिससे उनके जीवन को सकारात्मक दिशा मिल सके । डॉ. शुक्ला एक प्रमाणित संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सक एवं माइंडफुलनेस प्रशिक्षक भी है। इनकी रूचि सकारात्मक मनोविज्ञान के शोध क्षेत्र में है। इनकी तीन प्रतिष्ठित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है और कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोध पत्र, लेख एवं अध्याय प्रकाशित हो चुके हैं । लेखिका कई शासकीय विभागों (112 यू. पी पुलिस, इफको, मिशन शाक्ति) के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मनोवैज्ञानिक काउसंलर के रूप में कार्य कर चुकी हैं ।