तालाब, चकरोड व नाली पर अतिक्रमण आपराधिक मामला नहीं : हाइकोर्ट
लखनऊ। हाइकोर्ट ने कहा कि तालाब, चकरोड़ और नाली पर अतिक्रमण अपराधीक प्रकृति का नहीं हैं, जिस पर आपराधिक वाद चलाया जाये। यह राजस्व से जुड़ा मामला हैं, इसमे राजस्व संहिता कि धारा 67 के तहत कार्यवाही कि जानी चाहिए, धारा 67 के तहत करवाही पूरी होने के बाद अतिक्रमणकरियों पर जुर्माना लगाया जा सकता हैं। भूमि का सीमांकन कराया जा सकता हैं, यह आदेश न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने थाना महारुआ अम्बेडकर नगर मे जितेंद्र व अन्य के खिलाफ दर्ज़ प्राथमिकी की पूरी प्रक्रिया को रद कर दिया | उपरोक्त की पुष्टि करते हुए लखनऊ हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता निरंजन सिंह ने बताया कि जितेंद्र व अन्य के खिलाफ दर्ज़ प्राथमिकी मे आरोप लगाया गया कि उन्होने खाता सo 625 जो कि चकरोड़ के रूप मे दर्ज़ हैं, कब्जा कर लिया हैं याचिकाकर्ता के खिलाफ क्षेत्रीय लेखपाल ने सार्वजनिक संपति क्षति निवारण अधिनियम के तहत 7 लोगो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज़ करायी थी, जांच अधिकारी ने सतही तौर पर जांच कर याची का कब्जा दिखाया और प्रधान के ब्यान के आधार पर आरोप पत्र दाखिल कर दिया, अपर मुखय न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुये समन जारी कर दिया, जबकि उक्त मुकदमा दर्ज़ किए जाने के दौरान याची जितेंद्र अवयस्क था ।
वरिष्ठ अधिवक्ता निरंजन सिंह ने आगे बताया कि वर्ष 2023 मे अग्निवीर योजना के तहत जितेंद्र का चयन हुआ परंतु जितेंद्र का चरित्र प्रमाण पत्र पुलिस विभाग द्वारा जारी न किए जाने के कारण जितेंद्र अग्निवीर योजना के अंतर्गत चयन होने के बाद भी आर्मी द्वारा जितेंद्र को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा गया | जिससे क्षुब्ध हो कर जितेंद्र ने उनसे हाइकोर्ट लखनऊ से संपर्क किया जितेंद्र की बातों को ध्यान मे रखते हुये विद्वान अधिवक्ता निरंजन सिंह ने लखनऊ हाइकोर्ट मे धारा अंतर्गत 482 दण्ड प्रक्रिया संहिता एक याचिका सo7662 योजित किया। जिसमे अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उक्त प्रकार का मामला राजस्व से संबन्धित हैं न कि अपराध से। अधिवक्ता कि बात को कोर्ट ने स्वीकार करते हुये थाना महारुआ मे दर्ज़ जितेंद्र व अन्य के खिलाफ आपराधिक मामले कि सम्पूर्ण प्रक्रिया को समाप्त करने का आदेश पारित कर दिया |
वरिष्ठ अधिवकता, निरंजन सिंह
लखनऊ हाइकोर्ट 9451637657