बांग्लादेश, नेपाल और कंबोडिया सहित कई देशों के मरीजों को मानव अंग बेचने वाले गिरफ्तार
देश के कई अस्पताल हैं राडार पर
जयपुर। राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट रैकेट का राजफाश किया है। इस मामले में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए एसीबी ने बताया कि आरोपी पैसे लेकर फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करते थे। राजस्थान के 12 अस्पतालों के साथ ही मुंबई के कुछ अस्पताल भी एसीबी के रडार पर हैं। एसीबी ने कहा कि इलाज के लिए जयपुर आए विदेशी नागरिकों को कई एनओसी जारी की गईं।
एसीबी के डीआईजी डॉ. रवि ने कहा कि एसएमएस अस्पताल के कर्मचारी और बिचौलियों को एनओसी के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों में एसएमएस अस्पताल का एक अधिकारी और ईएचसीसी अस्पताल तथा फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन कोऑर्डिनेटर शामिल हैं।
70 हजार की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
डॉ. रवि ने बताया कि एसीबी ने एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी को 70 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा। उनके पास से तीन फर्जी एनओसी भी बरामद हुई। टीम ने जयपुर के फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिटनेटर विनोद नामक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है।
दरअसल, ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए एनओसी देने के लिए सरकार की ओर से एक समिति बनाई गई है। आरोप है कि गौरव बिना समिति की जानकारी के कथित रूप से समिति के सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर एनओसी बना रहा था। उसके घर से जब्त दस्तावेजों में बांग्लादेश, नेपाल और कंबोडिया तक के मरीजों के एनओसी सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं।
40 फीसदी विदेशी नागरिकों की एनओसी
एसीबी के डीआईजी डॉ. रवि ने बताया कि गौरव सिंह के घर से एनओसी सर्टिफिकेट पाए गए हैं, जिनमें से 40 फीसदी विदेशी नागरिकों के है। उन्होंने बताया कि एमएसएस अस्पताल के सीज कार्यालय में काफी संख्या में फाइलें रखी हैं। अब एसीबी तीन साल जनवरी 2021 तक की केस फाइलों को खंगालेगी।
सरकार ने गौरव सिंह को किया निलंबित
राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को एसीबी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद निलंबित कर दिया। एसीबी अब जांच कर रहा है कि कितने फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए गए। इस मामले में फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पतालों के परिसरों की तलाशी ली गई है।
एसीबी के रडार पर हैं प्रदेश के 12 अस्पताल
डॉ. रवि ने बताया कि प्रदेश भर के 12 अस्पतालों की भूमिका संदिग्ध है। इसी के साथ दो अस्पताल मुंबई के भी हैं, जो पुलिस के रडार पर हैं। यदि आगे की पूछताछ में कुछ और जानकारी सामने आती है तो उन अस्पतालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अस्पतालों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे। इसके साथ ही एसीबी ने इस बात से भी इनकार नहीं किया है कि यदि अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उसकी भी जांच हो सकती है।