KGMU रेप केस में बड़ा एक्शन! आरोपी डॉक्टर का पासपोर्ट जब्त

लखनऊ, NIA संवाददाता।

केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) की महिला रेजिडेंट डॉक्टर को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और धर्मांतरण के आरोपों में घिरे रेजिडेंट डॉक्टर रमीज मलिक के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। चौक कोतवाली पुलिस ने आरोपी को नोटिस जारी कर जांच पूरी होने और पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज होने तक लखनऊ न छोड़ने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने आरोपी डॉक्टर का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है।

यह भी पढ़ें: UP Weather: अगले 48 घंटे भारी, कोहरा और शीतलहर से बढ़ेगी ठंड

पीड़िता का मेडिकल परीक्षण पूरा, शुक्रवार को कोर्ट में बयान

पुलिस ने बुधवार को पीड़ित महिला डॉक्टर का मेडिकल परीक्षण पूरा कर लिया है। रिपोर्ट पर विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। 25 दिसंबर को अवकाश होने के कारण कोर्ट में बयान दर्ज नहीं हो सके, अब शुक्रवार को पीड़िता के बयान न्यायालय में दर्ज कराए जाएंगे।

हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस जांच में पूरी सतर्कता बरत रही है ताकि किसी तरह की कानूनी चूक न हो। आरोपी डॉक्टर रमीज मलिक और उसकी गतिविधियों पर पुलिस की लगातार नजर बनी हुई है।

यह भी पढ़ें: Christmas Quotes in Hindi 2025: ऐसे विशेज जो दिल तक उतर जाएं

उत्तराखंड के खटीमा से मांगी गई आरोपी की जानकारी

पुलिस ने आरोपी डॉक्टर रमीज मलिक के उत्तराखंड के खटीमा स्थित पैतृक आवास से जुड़े थाने से भी विस्तृत जानकारी मांगी है। इसमें यह जांच की जा रही है कि क्या पहले उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज रहा है, साथ ही उसके चाल-चलन और सामाजिक व्यवहार से जुड़ी जानकारी भी जुटाई जा रही है। खटीमा पुलिस की रिपोर्ट को केस डायरी में शामिल किया जाएगा।

साथी डॉक्टरों और स्टाफ के बयान दर्ज

चौक कोतवाली पुलिस टीम ने केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग में तैनात आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर के साथी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ से भी पूछताछ की है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि:

आरोपी का व्यवहार महिला डॉक्टरों के प्रति कैसा था

महिला मरीजों के साथ उसका आचरण कैसा रहता था

क्या वह किसी अन्य हिंदू महिला के संपर्क में भी था

इस मामले में पुलिस के साथ खुफिया विभाग भी सूचनाएं जुटा रहा है।

पहली शादी से जुड़े दस्तावेज नहीं मिले

इंस्पेक्टर चौक नागेश उपाध्याय ने बताया कि एक अन्य हिंदू महिला द्वारा आरोपी पर धर्मांतरण कराकर शादी करने के आरोप लगाए गए थे, लेकिन प्राथमिक जांच में वह महिला कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सकी। उसने केवल मौखिक आरोप लगाए थे और अब तक न पहले न ही वर्तमान में कोई लिखित तहरीर दी है। फिलहाल उस महिला को भी नोटिस जारी किया जा रहा है और उसके आधिकारिक बयान दर्ज किए जाएंगे, जिन्हें केस में शामिल किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: Lucknow Traffic Advisory: पीएम मोदी आज लखनऊ में, इन रास्‍तों से ना जाएं, किसान पथ–छंदोईया मार्ग रहेगा बंद

आरोपी डॉक्टर के मोबाइल की फोरेंसिक जांच

पुलिस ने आरोपी डॉक्टर रमीज मलिक के मोबाइल फोन की जांच भी शुरू कर दी है। कॉल डिटेल्स, फोटो गैलरी और व्हाट्सऐप चैट खंगाली जा रही हैं। पुलिस का मानना है कि ये इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य केस में अहम भूमिका निभा सकते हैं। मोबाइल को जल्द ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की फोरेंसिक मोबाइल लैब में भेजा जाएगा।

क्या है पूरा मामला

केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग में तैनात रेजिडेंट डॉक्टर रमीज मलिक पर एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने शादी का झांसा देकर लंबे समय तक यौन शोषण का आरोप लगाया है। पीड़िता पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली है। पीड़िता के अनुसार, वह जुलाई में आरोपी डॉक्टर के संपर्क में आई थी। आरोपी ने शादी का वादा कर कई महीनों तक शोषण किया। जब शादी की बात आई तो उसने इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दबाव बनाया। धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर आरोपी ने उसे छोड़ दिया।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

पीड़िता की तहरीर पर चौक कोतवाली में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ:

शादी का झांसा देकर दुष्कर्म

गर्भपात कराना

धमकी देना

उत्तर प्रदेश धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021

के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस के अनुसार, सभी पहलुओं पर जांच जारी है और जांच पूरी होने तक आरोपी को शहर छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

NIA- उपरोक्‍त खबर के संदर्भ में कोई सुझाव आप editor@newindiaanalysis.com अथवा  व्‍हाटसप नंबर 9450060095  पर दे सकते हैं। हम आपके सुझाव का स्‍वागत करते हैं। अपना मोबाइल नंबर जरूर साझा करें। NIA टीम के साथी आप से संपर्क करेंगे।

Scroll to Top