2027 से पहले BJP का बड़ा दांव! आखिर क्यों पंकज चौधरी को सौंपी गई यूपी की कमान?

लखनऊ, NIA संवाददाता।

भाजपा को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलना तय हो गया है। महाराजगंज से सात बार के सांसद और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए इकलौते दावेदार रहे, जो कुर्मी जात‍ि से आते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया। किसी अन्य उम्मीदवार के पर्चा न भरने से उनका निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। इसका औपचारिक एलान आज किया जाएगा।

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प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित 10 प्रस्तावकों की मौजूदगी में पंकज चौधरी ने नामांकन दाखिल किया। निर्धारित एक घंटे की अवधि में किसी अन्य ने नामांकन नहीं किया। इससे साफ हो गया कि वही पार्टी के अगले प्रदेश अध्यक्ष होंगे।

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भाजपा प्रदेश संगठन के चुनाव की प्रक्रिया पिछले वर्ष अक्टूबर से चल रही थी। चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने शुक्रवार को चुनाव कार्यक्रम और प्रांतीय परिषद सदस्यों की सूची जारी की थी। रविवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल औपचारिक घोषणा करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश, जिला और मंडल स्तर के करीब 3500 कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। उसी दिन राष्ट्रीय परिषद के 85 नए सदस्यों की भी घोषणा की जाएगी।

क्यों बनाया गया पंकज चौधरी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष?

भाजपा नेतृत्व ने पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संगठन, चुनावी रणनीति और सामाजिक संतुलन—तीनों को साधने की कोशिश की है। इसके पीछे कई अहम राजनीतिक कारण माने जा रहे हैं:

संगठन और सरकार का संतुलन

पंकज चौधरी लंबे समय से संगठन से जुड़े रहे हैं और वर्तमान में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी हैं। इससे

संगठन और केंद्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनेगा।

प्रदेश इकाई को दिल्ली से सीधा मार्गदर्शन मिलता रहेगा।

पूर्वांचल पर फोकस

वे महाराजगंज (पूर्वांचल) से आते हैं।

पूर्वांचल की सीटें विधानसभा और लोकसभा दोनों में निर्णायक भूमिका निभाती हैं।

2027 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने साफ संकेत दिया है कि पूर्वांचल पर विशेष ध्यान रहेगा।

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अनुभवी और स्वीकार्य चेहरा

7 बार सांसद रहने के कारण उन्हें चुनावी राजनीति का लंबा अनुभव है।

निर्विरोध चयन से स्पष्ट है कि वे सभी गुटों को स्वीकार्य हैं।

संगठन में उनकी छवि लो-प्रोफाइल लेकिन प्रभावी नेता की है।

सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश

पंकज चौधरी ओबीसी वर्ग से आते हैं।

भाजपा का कोर वोटबैंक ओबीसी वर्ग रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने ओबीसी मतदाताओं को मजबूत संदेश दिया है।

2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी

प्रदेश अध्यक्ष का चयन सीधे तौर पर 2027 के चुनावी रोडमैप से जुड़ा है।

संगठनात्मक अनुशासन, बूथ मैनेजमेंट और कार्यकर्ता सक्रियता—इन मोर्चों पर उनसे बड़ी उम्मीदें हैं।

विवादों से दूर, भरोसेमंद नेता

पंकज चौधरी अब तक किसी बड़े विवाद में नहीं रहे।

केंद्रीय नेतृत्व ऐसे चेहरे को आगे लाना चाहता था जो
कम बोलें, ज्यादा काम करें।

पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाना भाजपा की सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है, जिसमें
संगठन की मजबूती
सामाजिक संतुलन
क्षेत्रीय फोकस
2027 की चुनावी तैयारी

— चारों को एक साथ साधने की कोशिश की गई है।

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